पहले त्रासदी झेली, अब झेल रहे लालफीताशाही
- प्रमाण पत्र लेने के लिए भटक रहे परिवारीजन
- उत्तराखंड आपदा पीडि़तों को तीन साल बाद भी नहीं मिले दस्तावेज GORAKHPUR : उत्तराखंड आपदा के डेथ सर्टिफिकेट तीन साल बाद भी नहीं जारी हो सके हैं। गोरखपुर जिले के आठ परिवार के लोग सर्टिफिकेट के लिए भटक रहे हैं। प्रदेश सरकार के निर्देश के इंतजार में मृत्यु प्रमाणपत्र नहीं बन पा रहे हैं। प्रशासनिक अफसरों का कहना है बिना कोई निर्देश जारी हुए सर्टिफिकेट दे पाना मुश्किल है। अभाव में नहीं मिली मददवर्ष 2013 के जून माह में उत्तराखंड में भीषण आपदा आई। उत्तराखंड गए गोरखपुर के लोग भी प्रभावित हुए। कई लोग आपदा में खो गए। उनके घर लौटने की आस परिजनों ने छोड़ दी। इस बीच गवर्नमेंट ने आपदा प्रभावित लोगों को सहायता राशि जारी की। इसमें आपदा से प्रभावित लोगों के परिवारीजन, उनके आश्रितों के लिए धनराशि का वितरण करने को कहा गया। लेकिन यह मदद उन्हीं लोगों के परिवार में दी गई जिनके मौत का प्रमाण पत्र सरकार ने जारी किया था। प्रमाण पत्र न मिलने से जहां सरकारी मदद नहीं मिल सकी।
लाभ के लिए हो रहे परेशानसर्टिफिकेट न जारी होने से मृतक के आश्रित भी परेशान हैं। बैंक एकाउंट से लेकर विरासत तक में प्रॉब्लम खड़ी हो रही है। जिला प्रशासन से जुड़े लोगों का कहना है कि जिले के आठ लोगों के लापता होने की सूचना प्रशासन को भेजी गई थी। लेकिन इन लोगों को सर्टिफिकेट जारी के लिए कोई निर्देश जारी नहीं हुए। इसलिए तीन साल से इनको सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सका। वह लोग रोजाना कलेक्ट्रेट का चक्कर काट रहे हैं।
इन लोगों की भेजी गई है रिपोर्ट हरी नारायण, गोला रामसिगारे, बेलघाट, खजनी गुजराती देवी, सहजनवां उर्मिला देवी, चवंरिया बुजुर्ग, बांसगांव उमा मिश्रा, लखुरी मिश्रिर, बांसगांव मोती, मोहल्ला हुमायूपुर कैलाशी, सहिजना, खजनी मिट्ठू प्रजापित, खोट्ठा, खुरहू, खजनी गवर्नमेंट की संस्तुति के लिए जांच पड़ताल की रिपोर्ट भेजी गई है। लेकिन अभी तक संस्तुति नहीं मिल सकी है। गवर्नमेंट से अनुमति मिलते ही सर्टिफिकेट जारी कर दिए जाएंगे। डिस्ट्रिक्ट लेवल से कोई पेडिंग नहीं है। बीएन सिंह, एडीएम सिटी, नोडल अफसर