गोरखपुर में बनेगा वेटेनरी कॉलेज, पशुओं पर इलाज के साथ होगी रिसर्च
गोरखपुर (ब्यूरो)। वेटनरी कॉलेज के लिए प्रशासन की तरफ से पहले चरगांवा में जमीन उपलब्ध कराई गई थी। मगर वहां जगह पर्याप्त नहीं होने की वजह से चारागाह के लिए दूसरी जगह जमीन तलाशी जा रही थी। तरकुलानी रेग्युलेटर बन जाने के बाद तालकंदरा में जलभराव की समस्या का भी निदान हो गया है। कुछ स्थानों पर मिट्टी भरवाने के लिए लोक निर्माण विभाग ने निर्देश पर आगणन भी तैयार किया है। एक ही जगह पर पर्याप्त जमीन मिल जाने की वजह से वहां प्रशासनिक भवन के साथ ही चारागाह भी बन सकेगा। मुख्य मार्ग से जुड़ा होने के कारण आवागमन में भी आसानी रहेगी।व्यय वित्त समिति से मिली मंजूरी
मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ। वीपी सिंह ने बताया कि सीएम योगी आदित्यनाथ 40 करोड़ रुपए वेटनरी मेडिकल कॉलेज निर्माण के निर्माण के लिए पिछले बजट में ही दे चुके हैं। लोक निर्माण विभाग ने निर्माण के लिए 325 करोड़ रुपए का डीपीआर भी तैयार कर ली है। जिसे व्यय वित्त समिति की मंजूरी भी मिल चुकी है। हालांकि बाद में इसमें 100 करोड़ रुपए और जोड़े गए हैं।मेडिकल कॉलेज से पशुपालकों की बढ़ेगी आय
कालेज के निर्माण से पूर्वांचल के पशुपालकों को काफी सुविधाएं मिलेगी। कालेज में शोध कार्य के लिए पशुपालन होगा। इसलिए चारागाह, डेरी फार्म, बकरी व भेड़ फार्म एवं पोल्ट्री फार्म भी बनाए जाएंगे। डेयरी प्रोडक्ट बनाने के लिए प्रसंस्करण केंद्र निर्मित होगा। यहां इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट बरेली की तरह कई तरह के रिसर्च हो सकेंगे। नए रिसर्च के साथ पशुपालकों की आय बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।यूजी की 80 सीटें से शुरू होगा वेटनरी कालेजपशु चिकित्सक डॉ। संजय कुमार श्रीवास्तव बताते हैं कि यह वेटनरी कालेज पंडित दीन दयाल उपाध्याय पशु चिकित्सा विश्वविद्यालय एवं गो अनुसंधान केंद्र मथुरा से संबद्ध होगा। शुरू में यहां 80 सीटें होंगी, जिसे बाद में बढ़ाया जा सकता है। मथुरा में विवि के अलावा मेरठ, फैजाबाद व बीएचयू वाराणसी में भी वेटनरी मेडिकल कालेज है।वेटनरी कॉलेज के लिए भी जमीन की तलाश ली गई है। देवरिया बाईपास के किनारे सदर तहसील क्षेत्र के तालकंदरा में 52 एकड़ जमीन चिह्नित की गई है। वहीं पर वेटनरी कॉलेज प्रस्तावित है।- विजय किरण आनंद, डीएम