बरेली से गोरखपुर तक चले आए लालबत्ती वाले वीसी साहब
- एमजेपी रूहेलखंड यूनिवर्सिटी के वीसी ने मोटर व्हीकल एक्ट की उड़ाई धज्जियां, गोरखपुर तक चले आए लालबत्ती में
-सेंट एंड्रयूज कॉलेज में 'रिसेंट डेवलपमेंट इन नैनोटेक्नोलॉजी' सब्जेक्ट पर आयोजित सेमिनार मेंथे चीफ गेस्टGORAKHPUR: लालबत्ती कार में बैठने का सपना हर किसी का होता है। शायद यही वजह है कि एमजेपी रूहेलखंड यूनिवर्सिटी, बरेली के वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन ने अपनी गाड़ी संख्या यूपी-ख्भ् बीएम क्88ख् पर लालबत्ती लगा रखी है। यह नजारा तब देखने को मिला, जब रूहेलखंड के वीसी मंडे की दोपहर सेंट एंड्रयूज कॉलेज में आयोजित 'रिसेंट डेवलपमेंट इन नैनोटेक्नोलॉजी' सब्जेक्ट पर आयोजित सेमिनार मेंबतौर चीफ गेस्ट आए थे। वीसी साहब ने नैनोटेक्नोलॉजी सब्जेक्ट पर स्टूडेंट्स को जहां शिक्षा का पाठ पढ़ाया, वहीं यह भूल गए कि वे लालबत्ती वाली कार से बरेली से गोरखपुर तक चले आए। हैरानी की बात तो यह है कि वे भ्भ्0 किमी से ज्यादा का सफर करते हुए आए, लेकिन उनकी गाड़ी को न तो आरटीओ डिपार्टमेंट ने चेक किया और न ही ट्रैफिक पुलिस ने।
क्0 मार्च को जारी हुआ नोटिफिकेशनबता दें, क्0 दिसंबर ख्0क्फ् को अपने डिसीजन में सुप्रीम कोर्ट की एपेक्स बेंच ने गवर्नमेंट को मोटर व्हीकल एक्ट में अमेंडमेंट कर लालबत्ती लगाने वालों की नई लिस्ट तैयार करने का ऑर्डर दिया था। जिसके बाद यूपी गवर्नमेंट ने क्0 मार्च को एक नोटिफिकेशन (-4/352/30-4-2014-8(1)/13) जारी कर लालबत्ती लगाने के लिए एलिजिबल माननीयों की लिस्ट जारी की थी, जिसमें कहीं भी स्टेट यूनिवर्सिटीज के वीसी का जिक्र नहीं है। इसके बावजूद एमजेपी रूहेलखंड यूनिवर्सिटी, बरेली के वीसी प्रो। मुशाहिद हुसैन की गाड़ी पर लगे लालबत्ती कई सवाल खड़े कर रहे हैं।
तो केवल इनके लिए है लालबत्ती दरअसल, गवर्नमेंट ने वीआईपीज को दो कैटेगरी में डिवाइड किया है। कैटेगरी ए में टॉप वीआईपीज हैं जिसमें गवर्नर, सीएम, एक्स सीएम, कैबिनेट मिनिस्टर्स और हाईकोर्ट के जज जैसे माननीय शामिल हैं। इन सभी को फ्लैशर के साथ ललाबत्ती लगाने का अधिकार है। वहीं कैटेगरी बी में विधानसभा के डिप्टी स्पीकर, स्टेट मिनिस्टर्स, चीफ सेक्रेटरी, एसआईसी जैसे वीआईपीज शामिल हैं। इन्हें बिना फ्लैशर के लालबत्ती लगाने की छूट दी गई है। साथ ही अगर गाड़ी में वीआईपी मौजूद नहीं है, तो इस कंडीशन में लालबत्ती यूज नहीं की जानी चाहिए और उसे काले कपड़े से ढका जाना चाहिए। क्या है सजा का प्रोविजन?आरटीओ एनफोर्समेंट, गोरखपुर बताते हैं कि अगर कोई व्यक्ति अनाधिकृत रूप से अपनी गाड़ी पर लालबत्ती लगाता है तो उस पर क्00 रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। साथ ही गाड़ी पर लगी लालबत्ती भी तत्काल उतरवाई जाती है। उनका कहना है कि लालबत्ती की अपनी गरिमा होती है, जिसका सभी को ख्याल रखना चाहिए।
अगर आप कहते हैं तो लालबत्ती उतार लेते हैं। लेकिन हमारे रूहेलखंड यूनिवर्सिटी में जमाने से वीसी लालबत्ती लगाते हुए आ रहे हैं। इसलिए हमने भी लगा रखी है। प्रो। मुशाहिद हुसैन, वीसी, एमजेपी रूहेलखंड यूनिवर्सिटी, बरेली रूहलेखंड यूनिवर्सिटी के वीसी ने अगर अपनी गाड़ी पर लालबत्ती लगा रखी है तो यह गलत है। उन्हें खुद से ही लालबत्ती उतार लेनी चाहिए। क्0 मार्च ख्0क्ब् को जारी शासनादेश में वीसी को लालबत्ती लगाने का आदेश नहीं है। अगर कोई लगाता है तो उसके विरुद्ध कार्रवाई का जाती है। डॉ। एके गुप्ता, आरटीओ एनफोर्समेंट, गोरखपुर