33 लाख लेकर तीन साल में नहीं बना पाए 5 किमी. रोड
- सितंबर 13 में ही उरुवा-धुरियापार रोड के लिए मिले थे 33 लाख
- अक्टूबर 2014 में पूरी होनी थी सड़क, 2016 में भी रोड पर पड़े हैं कंकड़ URUVA BAZAR: मात्र 5 किमी। लंबी उरुवा-धुरियापार रोड के लिए शासन ने 33 लाख दे दिए। सितंबर 2013 में ही काम शुरू हो गया और इसे अक्टूबर 2014 में पूरा कर लिया जाना था। लेकिन, दो साल और बीत गए। रोड पर अब भी कंकड़ बिखरे पड़े हैं। इस दौरान जर्जर रोड पर दर्जनों हादसे हुए। जिनमें तीन लोगों की मौत हो चुकी है। रोड के निर्माण के लिए कई बार धरना-प्रदर्शन हुए लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। अब क्षेत्रीय विधायक राजेश त्रिपाठी ने अनशन शुरू किया है। गड्ढे खोदवाकर छोड़ा10 फरवरी 2014 को रोड का शिलान्यास विधायक राजेश त्रिपाठी की अध्यक्षता में सांसद कमलेश पासवान ने किया था। शुरुआती दौर में ही ठेकेदार ने जेसीबी से 4 किमी। रोड खुदवाकर छोड़ दिया। फिर लोगों ने नाराजगी दिखाई तो महीनों बाद गिट्टी डलवाकर छोड़ दिया। रोड पर मोटी गिट्यिों के कारण वाहनों के पंक्चर होने व एक्सीडेंट होने का सिलसिला शुरू हो गया। गिट्टी डालने के बाद भी ठेकेदार ने उस पर बुलडोजर नहीं चलवाया।
ले ली तीन जानेंरोड पर बिखरी पड़ी गिट्यिों के कारण कई हादसे हुए। इनमें तीन लोगों की जान चली गई। कुरावल स्थित शम्भू नाथ मन्दिर पर रहने वाले सूरदास उरुवा से पैदल ही मंदिर पर जा रहे थे। ट्रैक्टर ट्राली ने टक्कर मार दी। पीएचसी में इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। दूसरी मौत जयप्रकाश पांडेय की हुई। गोला क्षेत्र के रानीपुर निवासी जय प्रकाश पांडेय कुरावल अपने बहन के वहां बाइक से जा रहे थे। समदपुर कुरावल के बीच ट्रैक्टर ट्राली ने टक्कर मार दी। मौके पर उन्होंने दम तोड़ दिया। तीसरी मौत गुड्डू शेख की हुई। मऊ निवासी गुड्डू शेख को एक जीप ने ठोकर मार दिया। पीएचसी में उनकी मौत हो गई। शुरुआती दौर में रोड की गिट्यिां इतनी बड़ी और बिखरी हुई थीं कि चालक अपना वाहन नहीं संभाल पा रहे थे। वाहन रोड पर गिट्यिों के साथ फिसल जा रहे थे और अनियंत्रित होकर टक्कर हो जाती थी। अब गिट्यिां रोड से गायब हो गई हैं लेकिन जर्जर रोड अब भी नहीं बन पाई है।
----- रोड पर धूल से चालकों को दिखाई नहीं देता, वाहन पंक्चर हो जाते हैं, गाडि़यां हिचकोले लेती हैं। लेकिन किसी को कुछ दिखाई नहीं दे रहा। - पुनर्वासी यादवखराब रोड के चलते होने वाले हादसों में कई लोगों की मौत हो चुकी है लेकिन इसके बाद भी विभाग ध्यान नहीं दे रहा।
- मंटू सिंह उरुवा-धुरियापार रोड इस क्षेत्र की प्रमुख सड़क है। इस पर रोज हजारों लोग यात्रा करते हैं। रोड बननी चाहिए। - धर्मदेव ओझा