यूपी इलेक्शन 2017 : किससे करूं उम्मीद.. जब सब हो गए फेल
क्षेत्र- सिनेमा रोड स्थित इंद्रलोक कम्पाउंड
समय- 3.30 बजे विधानसभा क्षेत्र- गोरखपुर शहर विधानसभा GORAKHPUR: दो फरवरी यानी आम बजट की पहली सुबह। हर तरफ बजट का विश्लेषण। इसमें बीच-बीच में लखनऊ की राजनीति और ताजपोशी पर भी दिलचस्प चर्चा। सिनेमा रोड स्थित इंद्रलोक कम्पाउंड में दोपहर अभी बजट पर जोरदार चर्चा चल ही रही थी कि आई नेक्स्ट रिपोर्टर पहुंच गया और पूछ बैठा क्या हाल है अपने शहर की राजनीति के। फिर क्या बजट गायब हो गया और चुनाव हावी हो गया। आई नेक्स्ट रिपोर्टर- विधायक कौन होगा। कुछ बदलेगा या पूरा बदलाव होगा? फैजान (तपाक से)-कुछ नहीं बदलेगा भाई। नोटबंदी कर मोदी जी ने जनता को पहले ही रूला दिया है। अब क्या कुछ और रोना बचा है। सिर्फ लोग परेशान हुए और कुछ नहीं बदला।अशोक आनंद (बीच में टोकते हुए)- सही बोल रहे हैं। न कालाधन वापस आया और न इसका पब्लिक को फायदा हुआ। जब तक किसी नए को मौका नहीं दिया जाएगा। तब तक उम्मीद करना ही बेकार है।
रवीश कुमार- वैसे विकास के मामले में हम विधायक के साथ हैं। भाजपा ने एम्स दिया है और फर्टिलाइजर चालू कराकर नई दिशा दी है। अगर प्रदेश में भी भाजपा की सरकार बने तो इससे यहां का विकास पूरी तरह संभव होगा।
तुफैल (बीच में टोकते हुए)- सपा की छवि और मोदी के कार्य करने की क्षमता इस बार तो लोगों को कंफ्यूज कर रही है। अपना नेता तो वही होगा जो पूरे साल अपने बीच रहे और लोगों की बात सुने।
विक्की- अरे छोडि़ए साहब। अखिलेश अपनी जीत की तरफ बढ़ रहे थे, लेकिन अचानक पारिवारिक विवाद ने सब कुछ गड़बड़ कर दिया है। और जो बचा-खुचा है वो सब इस महागठबंधन से खत्म हो जाएगा। मुस्कीम- हमारा विधायक ऐसा होना चाहिए, जो सिर्फ चुनाव और बड़े कार्यक्रमों में न दिखे, बल्कि आम लोगों के बीच रहे और लोगों की समस्याएं भी सुने। लेकिन यहां तो सबकुछ दिखावा जैसा है। विकास की कोई बात ही नहीं करता। तेजस कुमार- अरे भाई। सड़कें खोदकर छोड़ना ही विकास नहीं होता है। विकास वह होता है जो लोगों को गति दे। शहरवासियों को सोचने की जरूरत है कि विकास क्या होता है। जिस दिन विकास के बारे में सोचने लगेंगे, उनका नेता भी उसी सोच का हो जाएगा।अशोक आनंद- सही कह रहे हैं तेजस भाई, लेकिन यह सोच एक दो लोगों को बनाने से नहीं, बल्कि पूरे समाज को बनाने की जरूरत है। लोग बदलेंगे, तभी शहर बदेलगा और जब शहर बदलेगा तभी नेता बदलेगा।
फैजान (बीच में बोलते हुए)- यह तो हो ही रहा। लोकसभा चुनाव में तो दिखा ही है, इस बार भी दिखेगा। मंच पर भाषणबाजी होती है या शिलान्यास के पत्थर नैया पार करती है। सिर्फ बोलने से काम नहीं चलने वाला। विक्की (हंसी का ठहाका लगाते हुए)- अरे भाई फैजान जी। आप तो दोनों लोगों को एक साथ निशाना लगा रहे हैं। बहन मायावती ने भी प्रदेश में कम विकास नहीं किया है। लेकिन मौका तो मिले। रवीश पांडेय- अरे नहीं भाई, हम जिसके साथ हैं, उसे हम पहले से जानते हैं। केंद्र में सरकार रहने के अलावा प्रदेश में भी भाजपा का होना बेहद जरूरी है। मुस्तकीम- अरे छोडि़ए साहब। मजाक किया जा रहा है, आपके केंद्र सरकार की ओर से किया जा रहा। सभी काम सिर्फ अमीरों के पक्ष में हो रहा है। गरीब मर रहे हैं। जब जिंदा रहेंगे तब तो विकास की बात करेंगे। ------------- टी स्टॉल15 साल से यही चाय की दुकान लगता हूं। ऐसे तो पूरे दिन तमाम मुद्दों पर लोग चाय के साथ बहस करते हैं, लेकिन जबसे चुनाव नजदीक आया है, जिसे देखो बस चुनाव की बात करता है। पूरे दिन यहां तमाम पार्टियों की सरकार बनती और गिरती है। लेकिन मेरे हिसाब से सरकार उसी की बननी चाहिए जो सभी वर्गो को लेकर चले। सिर्फ विकास ही नहीं गरीबों के हित की भी बात करे। चुनाव से पहले तो तमाम वादे किए जाते हैं, लेकिन उन्हें पूरा कोई नहीं करता। आज भी देश के हर कोने में भ्रष्टाचार है, लेकिन उसका कुछ नहीं हुआ।
आकाश जायसवाल, चाय दुकानदार