यूपी इलेक्शन 2017 : टिकट पंडित जी बताई ना जीतब कि ना?
- टिकट मिलने के बाद अब जीत के लिए आश्वस्त होना चाह रहे हैं प्रत्याशी
- वोटरों को पटाने से लेकर ग्रह-दशा सुधारने में लगे नेता, ज्योतिषियों का लगा रहे हैं चक्कर GORAKHPUR: हैलो पंडित जी कइसे बाटीं? आपके आशीर्वाद से टिकट त फाइनल बा लेकिन मन घबरात बाटे कि कहीं कुछ गड़बड़ मत हो जाव। आपके का लागता, हम जीत त जाइब ना? कुछ उपाय करीं इस तरह के कॉल शहर के प्रसिद्ध ज्योतिषियों और पंडितों के यहां खूब आ रहे हैं। प्रत्याशी और उनके समर्थक रिक्वेस्ट कर रहे हैं कि जीत पक्की हो जाए, ऐसा कुछ उपाय पंडितजी बताएं। अपना ग्रह-दशा सुधारने के लिए नेता ज्योतिषियों का चक्कर लगा रहे हैं। वहीं, ज्योतिषी व पंडितजी भी उन्हें अपने-अपने तरीके से उपाय बता रहे हैं। ताकि भाग्योदय हो जाएविधानसभा चुनाव जैसे-जैसे करीब आ रहा है, वैसे-वैसे प्रत्याशियों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों के दिल की धड़कन तेज हो रही है। दिन रात मेहनत कर प्रत्याशी और समर्थक शादी ब्याह जैसे मांगलिक कार्यक्रम में शरीक होकर अतिथियों को लुभाने का प्रयास कर रहे हैं। वे जहां नहीं पहुंच पा रहे, उनकी तरफ से उनके खास लोग पहुंच रहे हैं। एक-एक घर, एक-एक व्यक्ति से संपर्क की कोशिश की जा रही है। लेकिन इसके बाद भी नेता अपनी जीत के प्रति आशंकित हैं। इसलिए वे कर्म के साथ-साथ अपनी कुंडली भी ठीक-ठाक कर लेना चाह रहे हैं। पंडितजी से सलाह लेकर कुंडली के दोष के निवारण में लगे हुए हैं।
धर्मपत्नी भी कर रही हैं पूजा पाठ जिन प्रत्याशियों को उनके ज्योतिष ने कह दिया है कि उनकी कुंडली में विरोधी ग्रह आमने-सामने बैठे हुए हैं, वे ग्रह के प्रकोप से बचने के लिए तमाम जतन करने में जुटे हुए हैं। कुछ घरों में ग्रह शांति के लिए पूजा-पाठ शुरू है तो कुछ नेताओं की धर्मपत्नी भी उनके लिए पूजा-पाठ करने में लगी हुई हैं। बॉक्स शनि व शुक्र प्रधान कुंडलियां कमजोर प्रसिद्ध ज्योतिर्विद पं। नरेंद्र उपाध्याय बताते हैं कि मंगल व वृहस्पति प्रधान कुंडलियां इस समय मजबूत चल रही हैं। शनि चूंकि अभी-अभी परिवर्तित होकर वृश्चिक से धनु में गए हैं, इसलिए शनि प्रधान कुंडली कमजोर है। शुक्र की स्थिति उच्च की है, लेकिन चुनाव के वक्त यह इसी दशा में नहीं रह पाएगी। इसलिए शनि के साथ ही शुक्र प्रधान कुंडलियां भी कमजोर दिख रही हैं। वर्जनचुनाव की तारीख पक्की होने के बाद से कोई ऐसा दिन शायद ही हो कि किसी प्रत्याशी या उनके समर्थक भाग्य को लेकर सवाल न किए हो? ज्यादातर यही जानना चाहते हैं कि वे जीत पाएंगे कि नहीं? दूसरा सवाल होता है कि जीतने के लिए क्या करना होगा? उनकी कुंडली देखकर दोष निवारण के उपाय बताए जाते हैं।
पं। नरेंद्र उपाध्याय, ज्योतिषाचार्य इन दिनों लगन जबरदस्त है तो ज्यादा व्यस्तता उसी में है। लेकिन उसके बाद सबसे अधिक पूजा-पाठ प्रत्याशियों के घरों में ही हो रही है। प्रत्याशियों की जो भी समस्या है, उन्हें विशेष पूजा-अर्चना के जरिए दूर करने के उपाय बताए जा रहे हैं। शरद चंद्र मिश्रा, ज्योतिषाचार्य