चौरीचौरा में हत्या कर फेंकी डेड बॉडी
-बोरे में मिली लाश, नहीं हो सकी पहचान
-जिले में रुक नहीं रहा अज्ञात लाशों का सिलसिला GORAKHPUR: चौरीचौरा एरिया के तरकुलहा मंदिर के पास सोमवार की सुबह बोरे में एक युवक की डेड बॉडी मिलने से सनसनी फैल गई। पब्लिक की सूचना पर पहुंची पुलिस जांच-पड़ताल कर रही है। मंदिर के पास झाडि़यों में डेड बॉडी फेंके जाने को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं। आठ माह पूर्व मंदिर परिसर में एक अज्ञात महिला का शव भी मिला था। तब पहचान के अभाव में महिला के मर्डर का खुलासा नहीं हो सका। गौरतलब है कि जिले में अज्ञात लाश मिलने का सिलसिला थम नहीं रहा है। पिछले एक साल में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं, लेकिन पहचान एक में भी नहीं हुआ है। झाडि़यों में देखा प्लास्टिक का बोरासोमवार की सुबह तरकुलहा मंदिर के आसपास रहने वाले लोग नैचुरल कॉल के लिए गए थे। वहां झाडि़यों के पास बोरा देखकर लोगों का ध्यान उस तरफ चला गया। बोरे में किसी व्यक्ति की डेड बॉडी भरने की कोशिश की गई थी। नजदीक जाने पर मालूम हुआ कि करीब 30 साल उम्र के अज्ञात व्यक्ति की हत्या करके उसकी डेड बॉडी बोरे में भरने की कोशिश की गई थी। उसके नाक और मुंह से खून बह रहा था। आंख और कान के पास चोट के निशान मिले। मृतक के बदन पर मटमैली शर्ट, स्लेटी पैंट था।
अड्डे पर रुका खोजी कुत्ता हत्या की जानकारी मिलने पर चौरीचौरा पुलिस पहुंची। डॉग स्क्वॉयड की टीम बुलाकर मामले की जांच में जुट गई। डेड बॉडी वाले स्थान से कुछ दूर कबाड़ वाली जगह पर जाकर खोजी श्वान रुक गया। पुलिस ने आशंका जताई कि कबाड़ वाली जगह पर युवक की हत्या की गई। झाडि़यों में ले जाकर उसकी लाश को बदमाशों ने भोरे में भरने की कोशिश की। बोरे में लाश भरकर कातिल उसे कहीं और फेंक आते। मृतक के शर्ट की ऊपर की बटन टूटी थी। माना जा रहा है कि जान बचाने के लिए उसने बदमाशों से हाथापाई की जिससे शर्ट की बटन टूट गई। सुलझ नहीं सकी गुत्थी लोगों ने पुलिस को बताया कि आठ माह पहले मंदिर परिसर में चबूतरे पर महिला की हत्या करके छोड़ी गई डेड बॉडी मिली थी। महिला की पहचान न होने से उसके मर्डर की गुत्थी सुलझ नहीं सकी। रविवार को चिलुआताल एरिया के महेसरा रेलवे पुल के पास अज्ञात युवक की दो टुकड़ों में कटी डेड बॉडी मिली थी। वर्जनपहनावे से मृतक किसी गरीब परिवार का लग रहा था। कबाड़ बीनने वालों की तलाश की जा रही है। जल्द ही इस मामले का खुलासा कर दिया जाएगा।
-राजेश मिश्रा, एसओ चिलुआताल