Gorakhpur University Incident : सोशल मीडिया पर यूनिवर्सिटी गुनहगार, पब्लिक ने रखी बात
गोरखपुर (ब्यूरो)।इस पर अलग-अलग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लोग अपने व्यूज दे रहे हैं। इसमें जहां शिक्षकों को पीटने की बात गलत बताई जा रही है, वहीं ज्यादातर लोग इस घटना के लिए यूनिवर्सिटी प्रशासन को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उनका कहना है कि स्टूडेंट्स की प्रॉब्लम्स की लगातार अनदेखी की वजह से यूनिवर्सिटी को यह दिन देखना पड़ा। घटना के लिए जवाबदेह कौन?यूनिवर्र्सिटी में हुई घटना के बाद दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने सोशल मीडिया पर स्टूडेंट्स और पब्लिक की राय जानने की कोशिश की। इसमें पूछा गया कि एबीवीपी कार्यकर्ताओं और प्रशासन के बीच हुई मारपीट के लिए जवाबदेह कौन है? इससे यूनिवर्सिटी में शैक्षिणक कार्य पर क्या प्रभाव पड़ेगा? इस पर सभी ने अपनी बात रखी। लोगों ने इस घटना की निंदा की वहीं, स्टूडेंट्स का कहना था कि लंबे समय से उनकी समस्याओं की सुनवाई न होने पर ये स्थिति उत्पन्न हुई।
छात्रनेताओं ने किया समर्थन मारपीट की इस घटना की यूनिवर्सिटी के पुराने से लेकर वर्तमान छात्रनेताओं ने निंदा की। उनका कहना था कि किसी भी शिक्षण संस्थान में टीचर्स के साथ मारपीट नहीं होनी चाहिए। वहीं, यह भी कहा कि फीस बढ़ोतरी का विरोध कर रहे स्टूडेंट्स की मांग वीसी को सुननी चाहिए थी। ऐसा न करने से ही माहौल बिगड़ गया।
Narayan Dutt Pathak@NarayanDuttPat5लगातार छात्रहितों की अनदेखी करना विश्वविद्यालय प्रशासन के लिए आम हो गया है जिसे छात्रों को बहुत से समस्याओं का सामना कर ना पड़ रहा है। जिसके कारण यह हिंसात्मक घटना हुई है। किसी भी प्रकार की हिंसा निंदनीय है पर यह विवि प्रशासन के निरंकुश रवैये का परिणाम है।Praveen Shukla@praveen_vijay_कुलपति हटाओ विश्वविद्यालय बचाओ।Arun Kumar Mishra@IamArunMishravएक निश्चित सीमा से ज्यादा जब कुछ भी बढ़ जाता है तो टूटना भी निश्चित होता है, चाहे वह नदी पर बना बांध हो या सब्र का बांध। विवि में एडमिशन फीस हो, क्लास चलाना हो, परीक्षा करना हो, रिजल्ट देना हो, सभी में इतनी अव्यवस्था फैल गई है कि छात्रों का गुस्सा फूटना निश्चित था और वही हुआ।Navneet Pandey@nvvneetयहां कुछ सही नहीं हो रहा, आए दिन इनके ड्रामे शुरू हो जाते, समय पे परीक्षाफल कभी नही आया, पता नही किसने ए++ दे दिया इनकोPrasoon Tripathi@PrasoonTripat17डीडीयू की मनमानी सभी ने देखी है, परीक्षा के एक दिन पहले टाइम टेबल बदल जाता था, जो हुआ नहीं होना चाहिए था पर डीडीयू भी दूध का धुला नहीं है।Pk Gupta@Pkgupta7779
पड़ेगा नहीं पहले से ही पड़ रहा है प्रभाव। रही बात जिम्मेदारी की तो वीसी राजेश सिंह खुद हैं, इतनी भी तानाशाही नहीं करनी चाहिए। परीक्षाएं अनियमित हो रही हंै तथा रिजल्ट का कुछ पता नहीं और इनको फीस एकदम समय पर चाहिए। #katyayni bhargav@BhargavKatyayniएबीवीपी गोरखपुर महानगर के कार्यकर्ताओं के शांतिपूर्ण धरना प्रदर्शन पर विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा पुलिस प्रशासन से हमला कराना बेहद निंदनीय है। रीतेश पांडेय@ritesh48043007कुलपति के तानाशाही रवैये से मुखातिब हो के देखिए एक बार वैसे इनसे तो विश्वविद्यालय के छात्र और कर्मचारी सारे ही प्रताडि़त हैं।Kumkum_S@KumkumS3वीसी साहब ने मजबूर करदिया छात्रों को उपद्रव करने को। न मिलते हैं, न बात करते हैं, न उनकी समस्याओं को सुनते हैं तो बच्चे गुस्सा होंगे ही।