अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद ने गोरखपुर यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स के पर पुलिस कार्रवाई को दुर्भाग्यपूर्ण बताया. अध्यक्ष उदयवीर सिंह ने बताया कि वीसी की तानाशाही के कारण पूरा यूनिवर्सिटी परिवार अर्थात शिक्षक कर्मचारी छात्र सभी त्रस्त हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)।प्रवेश, परीक्षा, शुल्क व परिणाम को लेकर विद्यार्थी निरंतर मांग करते हैं। वीसी को उनकी बात सुनकर उसका समाधान करना चाहिए। जो घटना हुई है, इस घटना के लिए केवल छात्रों को दोषी मान लेना और उन्हें अपराधी ठहराकर जेल भेजना उससे भी दुर्भाग्यपूर्ण है। भविष्य के साथ खिलवाड़
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद छात्रों को जेल भेजने की कड़ी निंदा करती है। महामंत्री अजीता पांडेय ने बताया कि कुलपति के बारे में यह सामान्य धारणा है कि वह तानाशाही से पूरा यूनिवर्सिटी विगत 3 वर्षों से चला रहे हैं। यदि स्टूडेंट अपनी मांग मनवाने के लिए शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहा है तो उनकी बात हर हाल में सुनी जानी चाहिए। अपने पद का दुरुपयोग करते हुए पुलिस को स्टूडेंट्स को दबाने हेतु प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए। जिस हिसाब से फीस वृद्धि की गई है। गोरखपुर यूनिवर्सिटी में यहां के आसपास के जिलों के गरीब- किसान के बच्चे पढ़ते हैं। उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

Posted By: Inextlive