पड़ी रहती लाश, नहीं होता 'इंसाफ'
- अलग-अलग हादसे में इलाज के दौरान मौत के बाद बीआरडी में यूं ही पड़ी हैं डेड बॉडी
- लावारिस डेड बॉडी को 72 घंटे के बाद कर देना होता है पोस्टमार्टम GORAKHPUR: बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज कराने जाने वालों के साथ तो दुर्व्यवहार व मारपीट की घटनाएं होती ही हैं, लावारिस मामलों में इलाज के दौरान व्यक्ति की मौत के बाद उसकी डेड बॉडी के साथ भी 'इंसाफ' नहीं किया जाता। नियम है कि लावारिस डेड बॉडी का 72 घंटे इंतजार के बाद पोस्टमार्टम कर देना है लेकिन बीआरडी के पोस्टमार्टम हाउस में एक-एक सप्ताह तक यूं ही डेड बॉडी पड़ी रहती हैं। अब भी दो डेड बॉडी को ऐसे ही कमरे में सड़ने के लिए छोड़ दिया गया है। केस-1पांच दिसंबर को एक हादसे में घायल लावारिस 30 वर्षीय अज्ञात महिला को पुलिस ने मेडिकल कॉलेज में एडमिट करवाया। इलाज के दौरान 20 दिसंबर को को उसकी मौत हो गई। इसके बाद डेड बॉडी को पोस्टमार्टम के लिए मोर्चरी हाउस में रखवा दिया गया। तब से उसकी डेड बॉडी पड़ी हुई है लेकिन पोस्टमार्टम नहीं हुआ है।
केस-225 दिसंबर को एक दुर्घटना में घायल 35 वर्षीय अज्ञात पुरुष को रेलवे पुलिस ने भर्ती करवाया। इलाज के दौरान उसकी 26 दिसंबर को बीआरडी मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। इसके बाद डेड बॉडी को पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया गया। 72 घंटे का समय बीत जाने के बाद भी डेड़ बॉडी पड़ी हुई है।
वर्जन मोर्चरी हाउस में रखी डेड बॉडी का मेमो दाखिल होता है। 72 घंटे के बाद ही लावारिस डेड बॉडी का पोस्टमार्टम करने का नियम है। पोस्टमार्टम हाउस के जिम्मेदार लोग समय से सूचना नहीं देते हैं। जिसकी वजह से परेशानी हो रही है। - बांके बिहारी सिंह, इंस्पेक्टर, गुलरिहा