यूजीसी दूर करेगा शिक्षकों की कमी
- यूजीसी ने देशभर के संस्थानों को बैकलॉग भरने के दिए निर्देश
- डीडीयूजीयू में भारी पैमाने पर है शिक्षकों की कमी द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र: डीडीयूजीयू में चल रही शिक्षकों और संसाधनों की कमी जल्द ही दूर हो सकती है। शिक्षण संस्थानों में बैकलॉग पदों पर नियुक्तियां कराने को लेकर यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (यूजीसी) सख्त हो गया है। आयोग ने जल्द से जल्द इन पदों पर नियुक्ति करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आयोग नियुक्तियों के स्टेटस पर नजर भी रखेगा। जल्द भरें सभी पदयूजीसी ने देश की सभी यूनिवर्सिटीज को आरक्षण नीति लागू करने और बैकलॉग पूरा करने के आदेश दिए हैं। आरक्षण नीति से जुड़े निर्देश में कहा गया है कि टीचिंग और नॉन टीचिंग पदों के बैकलॉग पदों को पूरा करना जरूरी है। इसे लेकर आयोग की ओर से एक खास फॉर्मेट भी बनाकर दिया गया है। इसमें पदों के नाम और आरक्षण श्रेणियों का उल्लेख भी मांगा गया है। इसके अलावा इस फॉर्मेट में वाइस चांसलर, रजिस्ट्रार किस श्रेणी से आते हैं, यह भी पूछा गया है।
देनी होगी पूरी जानकारीरिक्त पदों में पहले केटेगरी वाइज पदों को भरना है। जिसमें असिस्टेंट प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर के पद भरे हैं और कितने खाली हैं, बताना होगा। वहीं नॉन टीचिंग स्टाफ की बात करें तो ग्रुप ए, बी, सी और डी के पदों के स्टेटस की जानकारी मांगी गई है। स्टूडेंट्स के एडमिशन के मामले में भी आयोग ने बीए, एमए, एमफिल, पीएचडी, डिप्लोमा व सर्टिफिकेट आदि कोर्सेज में कितने एडमिशन हुए और रिजर्वेशन पॉलिसी की जानकारी संस्थानों से मांगी है। इसके अलावा संस्थानों में वैकेंसी बेस्ड रोस्टर उस समय तक लागू रहेगा, जब तक कि रिजर्व केटेगरी कैंडिडेट्स की संख्या आरक्षण बिंदु तक नहीं पहुंच जाती।
वर्जन यूजीसी की ओर से जो भी निर्देश मिलेगा, उसका अनुपालन होगा। टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ को लेकर जो भी जानकारी मांगी जाएगी, वह दी जाएगी। - अशोक कुमार अरविंद, रजिस्ट्रार, डीडीयूजीयू