कॉलोनी को स्कूली बच्चों ने बना लिया 'पार्किंग', परेशानी
- तारामंडल के सिद्धार्थपुरम में घरों के सामने खड़ी कर देते हैं two wheelrs
GORAKHPUR: तारामंडल एरिया के सिद्धार्थपुरम कॉलोनी के लोग इस दिनों स्कूली बच्चों के दो पहिया वाहन से परेशान हैं। यहां के लोगों की शिकायत है कि उनके घर के सामने स्कूली बच्चे अपने टू-व्हीलर्स खड़े कर देते हैं। जबकि इन बच्चों को अपने टू-व्हीलर्स स्कूल में या फिर किसी स्टैंड में खड़े करने चाहिए। असल में यह टू-व्हीलर्स सिद्धार्थपुरम कॉलोनी स्थित एक सीबीएसई स्कूल के बच्चों का है। स्कूल में बच्चों द्वारा टू-व्हीलर्स लाने की मनाही के बाद अब बच्चों ने कॉलोनी को ही अपनी पार्किंग बना लिया है। इसके चक्कर में कॉलोनीवासियों को अपने व्हीकल्स निकालने में काफी प्रॉब्लम होती है। इसकी शिकायत मोहल्ले के लोगों ने स्थानीय चौकी पर भी की है। लेकिन नतीजा अब तक सिफर है। होती है परेशानीसिद्धार्थपुरम कॉलोनी में रहने वाले हितेश सिंह बताते हैं कि वे लखनऊ में लॉ की पढ़ाई करते हैं। इन दिनों छुट्यिों में घर आए हुए हैं। बुधवार को उनको अपने पैरेंट्स के साथ उन्हें मार्केट जाना था। इसके लिए वे अपनी एक्सयूवी चार पहिया वाहन को घर से निकालने का प्रयास कई बार किए। लेकिन गेट के बाहर ही स्कूली बच्चों के दो पहिया वाहन खड़े थे। वो अपनी गाड़ी बाहर नहीं निकाल पाए। आखिर उन्हें स्कूल की छुट्टी होने का इंतजार करना पड़ा। हितेश के पड़ोसी रितेश और मुकेश श्रीवास्तव का भी यही हाल है।
शिकायत पर अपशब्दों का प्रयोग कॉलोनीवासियों का कहना है कि स्टूडेंट्स को गाडि़यां खड़ा करने से मना करो तो अपशब्दों का प्रयोग करते हैं। आए दिन स्कूली बच्चों से मोहल्ले के लोगों से बहस हो जाती है। लेकिन मोहल्ले के लोग इन स्टूडेंट्स के आगे बेबस नजर आते हैं। कई बार स्कूल प्रबंधन से मोहल्ले के लोगों ने शिकायत भी की तो स्कूल प्रबंधन का यह तर्क रहता है कि उनके स्कूल के बच्चों को दो पहिया लाने के लिए मना किया गया है। अगर कोई लाता है तो उसके लिए वह स्वयं जिम्मेदार है। क्या है रूलपरिवहन विभाग के मुताबिक 18 साल से कम आयु का स्टूडेंट अगर दो पहिया वाहन चलाता है तो उसके विरुद्ध मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाती है। परिवहन विभाग की तरफ से सिटी के स्कूलों में टाइम टू टाइम स्कूली बच्चों को वाहन न लेकर आने की नसीहत भी दी जाती है। अगर बच्चे न मानें तो उनके विरुद्ध स्कूल प्रबंधन को कार्रवाई करनी चाहिए। उसके बाद भी नहीं मानते हैं तो उन स्टूडेंट्स के गाड़ी का चालान काटने का प्रावधान है।
पैरेंट्स को अवेयर होना चाहिए परिवहन विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की माने तो पैरेंट्स को अवेयर होना चाहिए। कम से कम उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे अपने बच्चों को दो पहिया से स्कूल न भेजें। अगर वे टू-व्हीलर्स से स्कूल आते हैं तो न सिर्फ वह मोटर व्हीकल एक्ट का उल्लंघन कर रहे हैं बल्कि अपनी जान भी जोखिम में डाल रहे हैं। कॉलिंग इधर कुछ दिनों से स्कूली बच्चों ने इतना परेशान कर दिया है कि पूछिए मत। सुबह सात बजे ही घर के बाहर अपने दो पहिया वाहन खड़ी कर स्कूल चले जाते हैं। छुट्टी के बाद जब अपने दो-पहिया वाहन लेने आते हैं तो मोहल्ले के लोगों से बदसलूकी करते हैं। शिकायत के बाद भी कोई नहीं सुनता है। -रवि प्रकाश, कॉलोनीवासी इन स्टूडेंट्स को पहले तो दो पहिया वाहन से आना नहीं चाहिए, अगर आ भी रहे हैं तो वे अपने स्कूल में वाहन जमा करें। वहां करेंगे नहीं। मोहल्ले के लोगों के घर के बाहर गाड़ी खड़ी कर चले जाते हैं। इनके वजह से काफी दिक्कतें होती हैं। -विशाल शाही वर्जनकिसी के घर के सामने इस तरह से दो पहिया वाहन खड़ा करना गलत है। स्कूली बच्चे अगर इस तरह से कर रहे हैं तो मौके का मुआयना कर कार्रवाई की जाएगी।
श्रीप्रकाश द्विवेदी, एसपी ट्रैफिक