जीडीए की दो कालोनियां अब नगर निगम के हवाले
- जीडीए बोर्ड की मीटिंग में लिया गया फैसला, नौ कॉलोनियों के निर्माण कार्य की जांच करेंगे तीन विभाग के सदस्य
- कंपाउंडिंग फीस से पब्लिक को मिली राहत GORAKHPUR: जीडीए की 11 कालोनियों में से 2 कॉलोनियां अब नगर निगम के जिम्मे होंगी। सोमवार को हुई जीडीए बोर्ड की मीटिंग में दो कालोनियां नगर निगम को हस्तांतरित कर दी गई। जबकि नौ कॉलोनियों के हैंडओवर की जांच के लिए तीन विभाग की टीम गठित करने का निर्णय हुआ है। इसके अलावा शमन शुल्क, चौराहा चौड़ीकरण और विकास शुल्क सहित कई अन्य जुर्माना कम कर दिया गया है। कमिश्नर पी गुरु प्रसाद की अध्यक्षता में आयोजित मीटिंग में जीडीए उपाध्यक्ष शिव श्याम मिश्र, मुख्य अभियंता संजय कुमार सिंह, नगर निगम मुख्य अभियंता एसके केसरी, जीडीए बोर्ड सदस्य दिनेश गुप्ता, गीतांजली यादव और संजय पहलवान सहित बिजली विभाग और पीडब्ल्यूडी के अधिकारी उपस्थित रहे।10 साल से संघर्ष कर रहे थे नागरिक
जीडीए ने 2003 के लगभग तारामंडल एरिया में छह और राप्तीनगर एरिया में पांच कालोनियां डेवलेप की। निर्माण के बाद 2010 में पहली बार इन कॉलोनियों को नगर निगम को ट्रांसफर करने के लिए जीडीए ने पत्र लिखा। उसके बाद नगर निगम ने इन कॉलोनियों की जांच की और रिपोर्ट के आधार पर निर्माण कार्यो में भारी कमी दिखाते हुए फिर से उन्हें सही करने के लिए कहा, 2012 में तत्कालीन कमिश्नर के आदेश पर नगर निगम की टीम एक बार फिर से इन कॉलोनियों के निरीक्षण के लिए गई। इस बार इस टीम में जल निगम के भी अधिकारी शामिल हुए, लेकिन फिर सड़क, बिजली और पानी जैसे प्रमुख मुद्दे पूरे न होने पर हस्तांतरण टल गया। अब 14 मार्च को इन कॉलोनियों में से दो कॉलोनियां नगर निगम को हैंडओवर होने पर मोहर लगा दी गई है।
इन मुद्दों पर बोर्ड ने दी सहमति - रुस्तमपुर में फ्लाई ओवर बनाने के लिए 60 करोड़ का प्रावधान - एक कॉलोनी में पायलट प्रोजेक्ट के तहत आरो प्लांट लगाना - 25 लाख से अधिक कार्यो को ई-टेंडर की व्यवस्था - पार्किंग में कब्जा करने वालों कार्रवाई न करने पर सभी अवर अभियंताओं के वेतन रोका - वित्तीय वर्ष 2016-17 के बजट के लिए 30980.95 लाख रुपए का अनुमानित व्यय और 30569.50 लाख रुपए अनुमानित आय - सीमा विस्तार की कार्रवाई बोर्ड में शामिल - वकीलों की फीस रिवाइज (सीजीएम कोर्ट के वकीलों का पर केस 750 रुपए और हाईकोर्ट के वकीलों को पर केस 20 हजार )