ऋषिमुनि के नाम पर छुटभैयों ने मांगी रंगदारी
- अपर निदेशक ट्रेजरी के घर फेंकी थी चिट्ठी
- देवरिया पुलिस ने अरेस्ट करके भेजा जेल GORAKHPUR: आजमगढ़ जिले में तैनात अपर निदेशक ट्रेजरी से पांच करोड़ की रंगदारी ऋषिमुनि तिवारी ने नहीं मांगी थी। चर्चित नाम का बेजा इस्तेमाल करके छुटभैये बदमाश दहशत फैला रहे थे। रविवार को एसपी देवरिया प्रभाकर चौधरी ने दो बदमाशों को अरेस्ट होने की जानकारी दी। बताया कि ऐश की जिंदगी जीने के लिए बदमाशों ने अपर निदेशक ट्रेजरी को लगातार फोन किया। कैंट एरिया स्थित उनके आवास पर चिट्ठी फेंककर रुपए पहुंचाने की धमकी दी। पांच करोड़ की हुई थी डिमांडदेवरिया जिले के मूल निवासी रामानंद पासवान आजमगढ़ जिले की ट्रेजरी में अपर निदेशक हैं। कैंट एरिया के प्रेम नगर कालोनी में उनका परिवार रहता है। 12 अप्रैल को बाइक सवार बदमाशों ने उनके आवास पर रंगदारी की चिट्ठी फेंकी। पांच करोड़ रुपए की डिमांड को लेकर रामानंद के देवरिया स्थित आवास पर हवा में गोलियां दागी। शिकायत होने पर कैंट पुलिस मामले की जांच में जुटी। 19 मई को बदमाशों ने देवरिया शहर के वरिष्ठ फीजिशियन डॉक्टर गिरीश नारायण को कॉल किया। उसने एक करोड़ रुपए देने को कहा। डॉक्टर की शिकायत पर देवरिया के एसपी ने जांच शुरू कराई।
पकड़े गए छुटभैया बदमाशशनिवार को देवरिया पुलिस ने रंगदारी मांगने वालों को दबोच लिया। रविवार को मामले का खुलासा करते हुए एसपी ने जानकारी दी। बताया कि पकड़े गए बदमाशों की पहचान देवरिया, भलुअनी, सोनाड़ी निवासी चंदू यादव और रामपुर कारखाना क्षेत्र के बरवा निवासी राधेश्याम यादव के रूप में हुई। दोनों नेपाल के मोबाइल नंबर से रंगदारी मांग रहे थे। ऐश-व-आराम की जिंदगी जीने के लिए उनको रुपए की जरूरत थी। दहशत फैलाकर दोनों अधिक से अधिक रकम जुटाने में लग गए।
नहीं दर्ज है केस चार बहनों की शादी के लिए चंदू को रुपए की जरूरत थी। इसलिए उसने राधेश्याम यादव का साथ दिया। दोनों के खिलाफ पहले से कोई केस नहीं दर्ज है। छोटी-मोटी वारदातों में शामिल होने उनका नाम कभी सामने नहीं आया। पकड़े गए बदमाशों के तीसरे और चौथे साथियों की पुलिस तलाश कर रही है। उनका तीसरा साथी विकास यादव ऋषिमुनि बनकर डॉक्टर और अपर निदेशक को फोन करता था।