शहर के 12 हजार कंज्यूमर्स लापता
- खोजे नहीं मिल रही शहर के 12 हजार इलेक्ट्रिसिटी कंज्यूमर्स की डीटेल
- इसकी वजह से विभाग और पब्लिक दोनो ही परेशान, जो मिल रहे उन्हें सही जगह लाने में छूट रहे पसीने GORAKHPUR: केस नं-1 राप्तीनगर के रहने वाले राम स्वरूप मिश्रा के घर कोई नहीं रहता। वह खुद ही पूर्वाचल विद्युत वितरण निगम वाराणसी में तैनात एक अधिकारी के रिश्तेदार हैं। दो माह पहले जब वह गोरखपुर आए, उनका कनेक्शन अधिक बकाया होने पर कट हुआ था। उन्होंने पुराने कनेक्शन का पैसा जमा करने के लिए अप्लीकेशन दी, तो उन्हें पता चला कि कनेक्शन सब डिविजन के रिकॉर्ड में हीं नहीं मौजूद है। बहुत खोजने के बाद उनका कनेक्शन दूसरे सब डिविजन के दिव्यनगर फीडर के रिकार्ड में मिला। केस नं 2नौसढ़ के रहने वाले राजेश निषाद पिछले दो माह से शास्त्री चौक के बिजली ऑफिस का चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन उनका रिकॉर्ड महानगर विद्युत वितरण निगम के डिविजन फर्स्ट में मौजूद नहीं है। डिविजन फर्स्ट के एक्सईएन सेकेंड और थर्ड के एक्सईएन को पत्र लिखकर राजेश निषाद के कनेक्शन की जांच करने को कहा है। काफी दिनों के बाद भी अब तक बिजली विभाग कागज नहीं ढूंढ सका है और राजेश विभाग के चक्कर लगा रहे हैं।
यह दो केस केवल उदाहरण मात्र हैं। शहर में ऐसे 12 हजार से ज्यादा कंज्यूमर्स हैं, जिनकी तलाश बिजली विभाग को काफी दिनों से है। इनका सही पता न मिलने के कारण आज इनकी हालत यह है कि इनमें अधिकांश कंज्यूमर्स लाखों रुपए के बकायदार है और विभाग ने उनकी बिजली काट रखी है। ऐसे लोग कनेक्शन प्रॉपर कराने के लिए विभाग के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन कोई डिटेल न मिलने के कारण चक्कर लगाने को मजबूर हैं।
विभाग और कंज्यूमर्स को नुकसान विभाग की इस मामूली गलती की सजा कंज्यूमर्स को तो मिल ही रही है, साथ ही विभाग को भी इससे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। कंज्यूमर्स का सही पता और रिकार्ड न मिलने के कारण उनका बिल जमा नहीं हो पा रहा है, जिससे उनके बिल में लगातार सरचार्ज जुड़ता जा रहा है। वहीं इन 12 हजार कंज्यूसर्म के उपर बिजली विभाग का लगभग एक करोड़ रुपए बकाया होने की वजह से वसूली नहीं हो पा रही है। 2012 में हुई गलत डाटा एंट्री2012 में बिजली विभाग पूरे शहर के कंज्यूमर्स की डाटा एंट्री कराई और रिकॉर्ड को ऑनलाइन कर दिया। इसका जिम्मा विभाग ने एचसीएल कंपनी को दिया। काम इतनी तेजी के साथ शुरू हुआ कि इसमें उसी समय कई कर्मचारियों ने गड़बड़ी की आशंका जता दी। 2013 में गोलघर के तत्कालीन एक्सईएन एके सिंह ने इस बात की आशंका जताते हुए कहा था कि इसमें कुछ गड़बड़ी हुई है, जो आने वाले दिनों में दिखाई देगी। यह गड़बड़ी अब सामने आने लगी है।
जो भी कंज्यूमर्स के रिकॉर्ड गायब होने की कंप्लेन आ रही है, उन कंज्यूमर्स का डाटा तलाश किया जा रहा है। ऑन लाइन प्रक्रिया शुरू करने वाली कंपनी की गड़बड़ी के कारण विभाग और कंज्यूमर्स दोनों को नुकसान हो रहा है। - आरआर सिंह, एसई, महानगर विद्युत वितरण निगम