बजी पगली घंटी तो दौड़े अफसर
- विनोद उपाध्याय और प्रदीप सिंह में हुई भिडं़त
- पहले समर्थकों, फिर माफियाओं में हुआ टकराव GORAKHPUR: मंडलीय कारागार में फ्राइडे मार्निग करीब सवा सात बजे अचानक पगली घंटी बजी। घंटी बजने के बाद अफसर और बंदी रक्षक बैरकों की तरफ दौड़ पड़े। जेल की सुरक्षा में लगी पीएसी को भीतर बुलाया गया। जेल में बंद माफिया प्रदीप सिंह और विनोद उपाध्याय के बीच हाथापाई, पटका-पटकी की बात सामने आई। दोनों के बीच कैंपस में एक दूसरे को उलाहना देने को लेकर विवाद हुआ था। जेल प्रशासन ने दोनों पक्षों के साथ कड़ाई करते हुए उनको बैरकों में भेज दिया। जेल में बवाल की सूचना पर पुलिस और प्रशासन के अफसर पहुंच गए। क्या था पूरा मामलाजेल की बैरक नंबर सात में सहजनवां के मल्हीपुर निवासी प्रदीप सिंह और बैरक आठ में माफिया विनोद उपाध्याय बंद है। दोनों के समर्थकों के बीच काफी दिनों से विवाद चल रहा है। क्0 दिन पूर्व शास्त्री चौराहे पर स्थित अग्रवाल होटल में विवाद हो गया। जेल बाईपास निवासी महाजन होटल पर भोजन करने गया था। तभी पैसे के लेनदेन को लेकर विवाद हो गया। होटल कर्मचारियों की सूचना पर पुलिस पहुंच गई। महाजन को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। कैंट पुलिस ने महाजन को जेल भेज दिया। प्रदीप सिंह के नजदीकी लोगों में महाजन शुमार है। थर्सडे इवनिंग विनोद उपाध्याय से जुड़े लोगों ने महाजन को पीट दिया। आरोप है कि विनोद ने महाजन को गाली भी दी। महाजन ने इसकी जानकारी प्रदीप सिंह को दी। फ्राइडे मार्निग प्रदीप सिंह टहलने निकला तो विनोद ने उलाहना दे दिया। इसको लेकर दोनों में कहासुनी हुई। कहा जा रहा है विनोद पर प्रदीप सिंह भारी पड़ गया। इस बीच बंदी रक्षकों ने पगली घंटी बजा दी।
डिप्टी जेलर पर हमले की मुखबरी का शक डिप्टी जेलर राजेश मौर्या के घर दिसंबर मंथ में बदमाश ने धावा बोला था। तमंचे के बल पर वह स्कूटी, नकदी और मोबाइल लेकर फरार हो गया। इस मामले में पुलिस ने कई बार महाजन को बुलाया। आरोप है कि विनोद उपाध्याय के कहने पर पुलिस महाजन को पूछताछ के लिए ले जाती थी। इससे वह खार खाए हुआ था। जेल में पहुंचते ही उसने इसके बारे में विनोद से पूछ लिया था। तभी से दोनों में टशन चल रही थी। प्रदीप का खास होने से वह खुद को अपमानित महसूस करता था। जेल में चल रही थी दावत, एसएसपी ने डाली खललजेल में पगली घंटी बजने की सूचना अफसरों को मिली। फ्राइडे दोपहर करीब डेढ़ बजे एसएसपी प्रदीप कुमार, सीडीओ कुमार प्रशांत, एडीएम फायनेंस दिनेश चंद सिंह, एसपी सिटी हेमंत कुटियाल सहित कई अफसर पहुंचे। जेल में अफसरों के पहुंचने के पहले सूचना पहुंच गई, लेकिन बैरकों में चल रही तैयारी पर रोक नहीं लग सकी। अफसरों ने तलाशी ली तो दावत की बात सामने आई। जेल के भीतर से चिकन, करीब भ्0 हजार रुपए नकदी, मिनरल वाटर की बोतलें, दारू और बीयर की बोतल, सिगरेट सहित कई आपत्तिजनक सामान बरामद हुए। एसएसपी ने कड़ाई से बैरकों की तलाशी ली। मारपीट के सिलसिले में भी विनोद उपाध्याय और प्रदीप सिंह से कड़ाई से बात की। पुलिस अफसरों का तेवर देखकर विनोद उपाध्याय और प्रदीप सिंह ने दोबारा गलती न करने की बात कही।
पगली घंटी करती है अलर्टजेल के भीतर घंटी लगी है। किसी गंभीर घटना पर बंदी रक्षक सतर्क हो जाते हैं। जेल की सुरक्षा बढ़ा दी जाती है। विशेष मामलों में ही पगली घंटी बजाई जाती है। फ्राइडे को विनोद उपाध्याय और प्रदीप सिंह के बीच विवाद पर पगली घंटी बजाई गई। हालांकि जेल प्रशासन ने किसी बड़ी बात से इंकार किया लेकिन यह सूचना पुलिस-प्रशासन के अफसरों को मिल चुकी थी। इसके पहले जेल में कई बार विवाद हो चुके हैं। जनवरी मंथ में बंदियों के दो गुटों में मारपीट हुई थी। दिसंबर में भी विवाद की सूचना पर पुलिस पहुंची थी। पूर्व एसएसपी आरके भारद्वाज ने तीन बार जेल की अचानक तलाशी कराई। इसके असर से जेल में बंदियों को मिलने वाली सुविधाएं बंद हो गई थी।
जेल में मारपीट की सूचना पर तलाशी ली गई। बंदियों को मारपीट न करने की हिदायत दी गई। बंदियों से कहा गया कि बंदियों की तरह रहें। आपत्तिजनक वस्तुओं के मिलने की जांच कराई जा रही है। प्रदीप कुमार, एसएसपी