ट्यूबवेल खराब, मुश्किल में किसान
- गगहा में पिछले चार दिनों से खराब पड़ा है ट्यूबवेल
- पंप को रिपेयर करने में लग जाएगा एक हफ्ते का समय - ककरही में भी धान बोने के लिए पानी का इंतजार कर रहे हैं किसान GAGHA/KAKRAHI: सरकारी अमले की लापरवाही किसानों पर भारी पड़ने लगी है। यहां ट्यूबवेल खराब होने से किसान मुश्किल में पड़ गए हैं। गगहा में जहां पिछले चार दिनों से ट्यूबवेल खराब पड़ा हुआ है, वहीं ककरही में भी खराब पड़ा ट्यूबवेल रिपेयरिंग की राह देख रहा है। इस समय धान की नर्सरी डालने का समय है, लेकिन पानी की प्रॉपर सप्लाई न होने से किसानों के माथे पर बल पड़ गया है। उनका कहना है कि अगर जल्द ही ट्यूबवेल सही नहीं हुआ तो किसानों को एक बार फिर से अपना पेट काटकर गुजारा करना पड़ेगा। गगहा में ट्यूबवेल की पंखी खराबगगहा विकासखंड के मझगावां ग्राम सभा में सरकारी ट्यूबवेल इन दिनों खराब पड़ा है। जब किसानों को इसकी जानकारी हुई तो विभाग के मझगावां कार्यालय पर आकर ऑपरेटर से पूछने पर पता चला की ट्यूबवेल चार दिनों से खराब पड़ा है और अभी इसको सही होने में करीब एक हफ्ते का वक्त लगेगा। सिचाई के अन्य साधन न होने के कारण किसानो के सामने विकट समस्या खड़ी हो गई है कि नर्सरी कैसे डाले। गुरुवार को जब चीफ इंजीनियर मझगांवा पहुंचे तो किसानों ने उन्हें वहीं घेर लिया। चीफ इंजीनियर ने बताया कि मोटर नहीं जला है बल्कि उसका समर सेबल पंखी जाम हो गया है। इसको ठीक करने में कम से कम एक हफ्ते का समय लग जाएगा। उपस्थित किसान अशोक सिंह, कपिल देव राय, तीरथ यादव, गुड्डू सिंह, सिंटू, परवीन ने पूछा कि साहब हम धान की नर्सरी कैसे डालेंगे, तब उन्होंने इस ट्यूबवेल के भरोसे धान की नर्सरी न डालने की सलाह दी।
ककरही में भी आई खराबीककरही के चिलवा गांव का सरकारी ट्यूबवेल इन दिनों बदहाल हो चुका है। जून शुरू हो चुका है और गांव के किसान धान बोने की तैयारी में लगे हुए हैं। मगर प्रॉपर पानी की व्यवस्था होने से बेहन नहीं पड़ पा रही है। इससे किसानों की परेशानी बढ़ने लगी है। चिलवा गांव के अभिमन्यु चन्द, सुधाकर चन्द, अनिल चन्द, नरसिंह यादव, सीताराम आदि का कहना है कि गांव के पूर्वी इलाके में बहु संख्यक किसान सरकारी ट्यूबवेल पर ही आश्रित हैं, इस इलाके में सरकारी ट्यूबवेल के भरोसे ही खेती की जाती है, ऐसे मे अगर सरकारी ट्यूबवेल नही बना, तो गाव के किसानो को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।