बिजली बिल जमा कराने में गोरखपुराइट्स के पसीने छूट रहे हैं. बिलिंग सॉफ्टवेयर ओरिकल के आधे-आधे घंटे में बंद होने से बिल पेमेंट और बिल के सुधार कार्य में देरी हो रही है.


गोरखपुर (ब्यूरो)।यह स्थिति तब है, जब सॉफ्टवेयर का अपग्रेडेशन हो चुका है। आंधे-आंधे घंटे में बंद हो रहा सर्वरग्रामीण क्षेत्र में चार लाख से अधिक बिजली कंज्यूमर्स हैं। इसमें से करीब 20 हजार कंज्यूमर अपने बिल का पेमेंट ऑनलाइन करते हैं। नया सॉफ्टवेयर अपडेट होने के बाद पब्लिक को लगा कि अब समय पर बिजली का बिल और बिल सुधार कार्य आसानी से हो जाएंगे, लेकिन आंधे-आंधे घंटे पर सर्वर बंद होने से प्राब्लम बढ़ गई है। इससे बिल जमा करने वाले कंज्यूमर्स को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। बकाए को लेकर बिजली काटे जाने के डर से लोग विभाग के राजस्व काउंटर पर पहुंच कर बिल भर रहे हैं। वहीं, विभाग ने राजस्व काउंटर को ज्यादा देर तक खुला रखने का निर्देश भी दिया है। आईटी एक्सपर्ट का ले रहे सपोर्ट
काउंटर पर तैनात स्टाफ ने बताया, शहरी क्षेत्र के कर्मचारी जिस सॉफ्टवेयर पर काम कर रहे हैं। अब उसी सॉफ्टवेयर पर ग्रामीण क्षेत्र के बिजली कर्मचारी भी कार्य कर रहे हैं। सर्वर बार-बार बंद होने की वजह से शहर के आईटी या फिर लखनऊ के आईटी स्टाफ से सपंर्क कर सिस्टम को समझा और उसे कैसे चलाया जाए, इसके बारे में बार-बार जानकारी लेनी पड़ रही है। केस 1


कुसम्ही बाजार के रहने वाले श्याम देव तिवारी को बिजली बिल जमा करना था। वह पास के बिजली घर काउंटर पर बिल जमा करने पहुंचे, लेकिन सर्वर बंद होने के चलते उन्हें आधे घंटे इंतजार करना पड़ा। केस 2पादरी बाजार के बैंक कॉलोनी निवासी रामेश्वर मिश्रा को अपना बिजली बिल जमा करना था। वह करीब 12 बजे बिल जमा करने काउंटर पर पहुंचे, लेकिन सर्वर की गति स्लो होने की वजह से बिल नहीं जमा हो सका। अभी साफ्टवेयर नया है। कर्मचारी समझ नहीं पा रहे हैं। इसलिए उन्हें आईटी विभाग के अफसरों से संपर्क करना पड़ रहा है। जहां तक सर्वर की बात है तो कुछ दिक्कत आ रही है। जल्द ही ठीक हो जाएगा। बिजली बिल जमा करने वाले कंज्यूमर्स को किसी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जाएगी। विनोद कुमार, एसई ग्रामीण प्रथम

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