बीआरडी मेडिकल कॉलेज परिसर में ट्रॉमा सेंटर बनाने की कवायद तेज कर दी गई है. गोरखपुर-बस्ती मंडल नेपाल व बिहार के मरीजों को इसके बन जाने से बड़ी राहत मिलेगी.


गोरखपुर (ब्यूरो)।अब किसी मरीज को रेफर करने की जरूरत नहीं होगी। इससे लखनऊ के एसजीपीजीआई और केजीएमयू पर मरीजों का भार कम हो जाएगा। हालांकि, लेवल टू के इस सेंटर को लेवल वन का बनाने की तैयारी है। इसके लिए मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने टीबी विभाग के दक्षिणी तरफ जमीन चिह्नित कर ली है। दो हजार वर्ग मीटर में अलग से भवन बनेगा। चार ऑपरेशन थियेटर होंगे। 17.6 करोड़ रुपए उपकरणों पर खर्च किए जाएंगे। इसके साथ ही सभी जरूरी डॉक्टर्स व स्टाफ की तैनाती का प्रपोजल शासन को भेजा गया है। पहले से ही है 40 बेड का ट्रॉमा सेंटर


बीआरडी मेडिकल कॉलेज में 40 बेड का ट्रॉमा सेंटर पहले से है। इसमें 10 बेड आईसीयू के हैं। एक ऑपरेशन थियेटर है। एक-एक न्यूरो सर्जन, आर्थो सर्जन, जनरल सर्जन व दो एनेस्थेटिस्ट तैनात हैं, जो 24 घंटे ड्यूटी नहीं कर सकते। इसलिए बड़ी संख्या में मरीजों को लखनऊ रेफर करना पड़ता है। इलाज में देरी होने से इनमें से कई की जान भी चली जाती है। अब ट्रॉमा सेंटर में बनाए जाएंगे 150 बेड

अब ट्रॉमा सेंटर 150 बेड का बनाया जाएगा। इसमें 50 बेड आईसीयू के होंगे। 100 बेड क्रिटिकल केयर के होंगे, जिन पर ऑक्सीजन, सक्शन व मॉनिटर की सुविधा होगी। पर्याप्त डॉक्टर्स व स्टाफ के साथ ट्रॉमा सेंटर में सीटी स्केन, एमआरआई, सी आर्म, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे मशीनें भी लगाई जाएंगी। हर मरीज के विशेषज्ञ डॉक्टर मौजूद रहेंगे। इनके प्रपोजल भेजे गए हैं। बीआरडी मेडिकल कॉलेज मे अब लेवल वन का ट्रॉमा सेंटर बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। टीबी विभाग के पास दक्षिण तरफ जमीन चिह्नित कर ली गई है। ट्रॉमा सेंटर के लिए पर्याप्त मात्रा में जमीन है। जल्द ही कार्य शुरू कर दिया जाएगा। नया ट्रॉमा सेंटर बन जाने से मरीजों को रेफर नहीं करना पड़ेगा। उन्हें बेहतर इलाज मिलेगा। डॉ। गणेश कुमार, प्रिंसिपल बीआरडी मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive