गोरखपुर को जाम से निजात दिलाने के लिए तमाम जतन किए जाते हैं लेकिन सभी फेल साबित होते हैं. कहीं ना कहीं पब्लिक इसमे अपना सपोर्ट नहीं देती है. आए दिन बेतरतीब गाड़ी आगे निकालने वालों की वजह से खास तौर से लेफ्ट लेन पर खड़ी कर देती हैं जिससे जाम की स्थिति निर्मित हो रही है. बाएं ओर जाने वाली गाडिय़ों के के लिए थोड़ी भी जगह नहीं मिलने से गाडिय़ां नहीं निकल पातीं और यातायात अवरुद्ध हो जाता है. ट्रैफिक अधिकारियों की मानें तो करीब छह फिट स्पेस छोडऩा होता है. ताकि फायर ब्रिगेड एंबुलेंस और पुलिस की गाड़ी इमरजेंसी होने पर निकल सकें.


गोरखपुर (ब्यूरो)। लोग जल्दबाजी के चलते आगे बढऩे की होड़ में रोजाना ट्रैफिक रूल्स तोड़ते हैं। कई जगहों पर तो इसे लेकर लोगों में नोकझोंक भी होती है। ट्रैफिक पुलिस भले ही लेफ्ट लेन जाम करने वालों पर 10 हजार रुपए जुर्माने की बात कर रही हो, लेकिन फिलहाल अभी तक किसी तरह की सख्ती हुई नहीं है। इस कारण भी लोग इस रूल्स को बड़ी आसानी से तोड़ देते हैं।पहले होती थी लेफ्ट लेन में बैरिकेडिंगइससे पहले एसपी ट्रैफिक आदित्य वर्मा थे, तब यहां के चौराहों पर बाएं तरफ बैरिकेडिंग की गई थी। बैरिकेडिंग होने की वजह से जिनको बाईं ओर जाना होता था, वही उधर से गुजरता था। जबसे बैरिकेडिंग हटाई गई है लोग भी नियम तोडऩे लगे हैं।10 हजार का नहीं है डर
गोरखपुर के 18 चौराहे की निगरानी आईटीएमएस के जरिए हो रही है। सभी चौराहे पर कैमरे लगाए गए हैं, लेकिन इसके बाद भी लोग मनमानी कर रहे हैं। बार-बार चौराहे पर आडियो गूंजता रहता है कि चौराहे की लेफ्ट लेन जाम करने पर दस हजार का जुर्माना लगाया जाएगा। इसके बाद भी लोग नहीं मानते हैं।एंट्री प्वाइंट खाली रखना जरूरी


शहर के चार एंट्री प्वाइंट वाले चौराहे मोहद्दीपुर, असुरन, ट्रांसपोर्ट नगर और नौसड़ में सबसे अधिक भीड़ होती है। यहां पर आधे-आधे घंटे लोग जाम में फंसे रहते हैं। यहां से अगर एम्बुलेंस इमरजेंसी में गुजर जाए तो उसे रास्ता नहीं मिलेगा। इस प्वाइंट पर तो लोगों को अवेयर होना चाहिए। इमरजेंसी सेवाएं चलती रहें। इसके लिए लेफ्ट लेन खाली कराया जाना चाहिए।राष्ट्रपति के प्रोग्राम में सबकी डयूटी लगी है। प्रोग्राम के बाद इसके लिए बाकायदा अभियान चलाया जाएगा। लेफ्ट लेन जाम करने वाली गाडिय़ों का चालान किया जाएगा।- डॉ। एमपी सिंह, एसपी ट्रैफिक

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