- बेकाबू हालात ने राह चलना कर दिया मुश्किल

- रोजाना रेंग रहा ट्रैफिक, सो रहे विभागों के जिम्मेदार

GORAKHPUR: सिटी में स्मूथ ट्रैफिक न होने का दर्द गोरखपुराइट्स झेल रहे हैं। सालों से चल रही आ रही प्रॉब्लम को सॉल्व करने का प्रयास जिम्मेदार अफसर नहीं कर रहे। सिटी में आए दिन ट्रैफिक की दुश्वारियां बढ़ती जा रही हैं। आई नेक्स्ट ने जब जाम की समस्याओं का जायजा लिया तो लापरवाही, गैर जिम्म दारी और बेफिक्री का आलम चहुंओर नजर आया। मामूली सा बदलाव लाकर सिटी को जाम से निजात दिलाई जा सकती है। बस, इसके लिए पहल करने की जरूरत है। नगर निगम, जिला प्रशासन, जीडीए और पुलिस के अफसर पहल करें तो चुटकी बजाते ही समस्या दूर हो जाएगी।

इन वजहों से लगता है जाम

1. पार्किंग का अभाव

सिटी में पार्किंग का अभाव लोगों को खलता है। गाडि़यों के खड़ी होने का इंतजाम न होने से लोग इधर-उधर गाडि़यां खड़ी कर देते हैं। ऐसे में बिजी एरिया की सड़कें भी संकरी हो जाती है। गोलघर, बेतियाहाता, बक्शीपुर, घंटाघर, विजय चौक के आसपास, अली नगर, रेती चौक, नखास, घंटाघर, असुरन, गोरखनाथ जैसी भीड़भाड़ वाली जगहों पर पार्किग नहीं है। ज्यादातर नर्सिग होम, शार्पिग कांपलेक्स और होटल्स और मैरिज हाल के आसपास पार्किंग की व्यवस्था नहीं की गई। ऐसी जगहों पर व्हीकल खड़े होते ही सड़कें गायब हो जाती हैं।

सॉल्युशन : मल्टीस्टोरी पार्किंग, नगर निगम की खाली पड़ी जगहों पर पार्किंग बनाने, होटल, शापिंग काम्पलेक्स, दुकानों के सामने पार्किंग न होने पर क ार्रवाई करने, नये मार्केट डेवलप होने पर पार्किंग का विशेष ख्याल रखा जाए। सिटी में चलने वाले आटो रिक्शा स्टैंड, बस स्टैंड के अलावा कई भी व्हीकल खड़ ी करने की इजाजत न हो।

2. एनक्रोचमेंट

एनक्रोचमेंट की वजह से शहर में हर जगह जाम की प्रॉब्लम खड़ी हो रही है। सड़कों, पटरियों, जीएमसी की खाली पड़ी जगहों पर अवैध कब्जे ने हालात बद से बदतर कर दिए हैं। गोलघर, बक्शीपुर, घंटाघर, उर्दू बाजार, पांडेयहाता, गोरखनाथ, अलीनगर सहित कई जगहों पर एनक्रोचमेंट है। सड़क के दोनों तरफ खाली जगहों पर कब्जा होने से राह चलना मुश्किल हो रहा है।

सॉल्युशन: एनक्रोचमेंट हटाने के लिए लगातार अभियान चलाए जाने चाहिए। नगर निगम की तरफ से साल में एक से दो बार अभियान चलाकर कोरम पूरा कर लिया जाता है। जाम वाली जगहों की निगरानी करके एनक्रोचमेंट न हटाने या हटाए जाने के बाद दोबारा कब्जा करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज क राया जाना चाहिए।

3. फुटपाथ का अभाव

सिटी में सड़कों के फुटपाथ गायब हैं। ज्यादातर पटरियों पर दुकानदारों, पब्लिक का अवैध कब्जा है। कुछ जगहों पर बिजली के पोल, टेलीफोन के पुराने खंभे, जनरेटर लगे होने से आवागमन नहीं हो पाता है। सिटी के फेमस मार्केट गोलघर, हरिओम नगर, आरटीओ रोड, मोहद्दीपुर, असुरन चौक, गोरखनाथ, गीता प्रेस रोड, अली नगर रोड, घोष कंपनी रोड, बैंक रोड, जुबली चौक रोड, सिनेमा रोड सहित अन्य महत्वपूर्ण जगहों पर पटरियां नहीं नजर आती। कहीं पर बं सफोड़ों का कब्जा है तो कहीं पर दिन में दुकानें सज जाती है। गोलघर में शॉपकीपर्स ने पटरियों पर अपना सामान पाट रखा है।

साल्यूशन : सिटी की सभी छोटी, बड़ी सड़कों के किनारे पटरियों को निर्माण कराया जाएगा। पटरियों पर होने वाले कब्जे को सख्ती से हटवाया जाए। सड़क िकनारे पटरी न होने की दशा में नालों पर स्लैब ढलवाकर पैदल चलने लायक बनाया जाए। पटरियों पर सामान रखने, अतिक्रमण करने वालों के खिलाफ नगर निगम और ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई करे।

4. जेब्रा क्रासिंग की कमी

सिटी में सिर्फ गोलघर में दो जेब्रा क्रासिंग बनाई गई हैं। इसके अलावा पूरे शहर में कभी जेब्रा क्रासिंग नजर नहीं आती। जेब्रा क्रासिंग न होने से लोग बेतरतीब ढंग से कहीं भी, कभी भी सड़क पार करने लगते हैं। ट्रैफिक के बीच अचानक गाडि़यों के मोड़ने, लोगों के सड़क पार करने से जाम की नौबत आ जाती है।

सॉल्यूशन : सिटी के सभी बिजी एरिया में जेब्रा क्रासिंग बनवाई जाए। स्पीड की लिमिट तय करते हुए हर जगह कॉशन बोर्ड लगाए जाए। इसके साथ- साथ सड़क के दोनों तरफ बीच से अचानक आने पर रोक लगाने के लिए रेलिंग का निर्माण कराया जाए। इससे सड़क पर छुट्टा पशुओं का आवागमन भी रोका जा सकेगा।

5. ट्रैफिक पुलिस की लापरवाही

जाम से निजात दिलाने के लिए ट्रैफिक पुलिस लगभग हर चौराहे पर मौजूद रहती है। कुछ देर एक्टिव रहने के बाद पुलिस कर्मचारी छांव में आराम करने चले जाते हैं। ड्यूटी में लगे पुलिस कर्मचारियों, होमगार्डो की लापरवाही से भी जाम की नौबत आती है। सिटी के सभी 42 चौराहों पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी नहीं लगती। ट्रैफिक पुलिस संसाधनों की कमी का रोना रोती है इसलिए सिर्फ 12 महत्वपूर्ण जगहों पर ही पुलिस कर्मचारी तैनात किए जाते हैं।

सॉल्यूशन : सिटी के हर छोटे-बड़े चौराहे पर ट्रैफिक पुलिस की ड्यूटी लगाई जाए। औपचारिक ड्यूटी बजाकर आराम करने वाले पुलिस कर्मचारियों की औचक जांच करके कार्रवाई होनी चाहिए। इसके अलावा सिटी में आवश्यकता के अनुसार ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की जाए।

ये भी बन रहे जाम की वजह

- बिजी एरिया में सड़कों का ठीक न होना

- भीड़भाड़ वाले इलाकों में वनवे ट्रैफिक न होना

- सड़कों और ओवरब्रिज के निर्माण में देरी करना

- नाले, नालियों का कंस्ट्रक्शन पूरा कराने में लापरवाही

- सिटी में चलने वाले टेंपो और रिक्शे की संख्या का निर्धारण न होना

- सड़कों किनारे लगी होर्डिग्स, बीच सड़क में पेड़, पोल को न हटाया जाना

- चौराहों के आसपास व्हीकल से सवारियां चढ़ाने-उतारने, राह चलते अचानक कहीं भी व्हीकल रोकना।

- इंदिरा बाल बिहार, अंबेडकर चौराहा, छात्रसंघ चौराहा, शास्त्री चौराहे और स्टेशन रोड पर चौराहे की गोलाई ज्यादा होना।

Posted By: Inextlive