काश साल भर जागती ट्रैफिक पुलिस
-ट्रैफिक मंथ में चार गुना चालान और शमन शुल्क की वसूली
-सीट बेल्ट और मोबाइल पर बात करते समय ड्राइविंग पर सबसे ज्यादा चालानGORAKHPUR: ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रैफिक डिपार्टमेंट नवंबर में ही जागता है। इसका ताजा उदाहरण है कि ट्रैफिक मंथ में डिपार्टमेंट ने सबसे ज्यादा चालान और शमन शुल्क वसूले हैं। नंवबर मंथ में अब तक 97ख्ब् चालान किए गए और लगभग क्भ् लाख रुपए का जुर्माना वसूला गया। अगर आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो पता चलेगा कि जितना चालान और जुर्माना पूरे साल में होता है उसके कहींज्यादा नवंबर में होता है। अब सवाल यह पैदा होता है कि ट्रैफिक डिपार्टमेंट नवंबर में ही क्यों जागता है? ट्रैफिक की अव्यवस्था के लिए जहां लोगों में सिविक सेंस की कमी होने का हवाला दिया जाता है, लेकिन इसके लिए डिपार्टमेंट भी कहींन कहींजिम्मेदार है। अगर ट्रैफिक मंथ की तरह डिपार्टमेंट एक्टिव रहे तो शायद सिटी में ट्रैफिक व्यवस्था सुधर जाए।
ट्रैफिक पुलिस ने किए चालान- 7भ्ख्7 ट्रैफिक पुलिस ने वसूला शमन शुल्क - 7,म्ब्,क्भ्0 रुपए सिविल पुलिस ने किया चालान- ख्क्97 सिविल पुलिस ने वसूला शमन शुल्क- म्,भ्8,म्भ्0 रुपएनवंबर मंथ (क् से ख्म् नवंबर तक) तक यातायात नियमों का उल्लघंन करने पर कुल 97भ्ब् चालान किए गए और शमन शुल्क (जुर्माना) के रूप में क्ब्,ख्ख्,800 रुपए वसूला गया।
सबसे ज्यादा इन पर हुए चालान - मोबाइल पर बात करते समय ड्राइविंग में 7क्7 चालान। - सीट बेल्ट न बांधने पर क्0क्8 चालान। - हेलमेट यूज न करने पर म्भ्97 का चालान। - म्फ् गाडि़यों के खिलाफ लाल नीली बत्ती, हूटर, सायरन पर कार्रवाई। - स्टंट करने वाले ख्ब्9 बाइकर्स के खिलाफ कार्रवाई। -म्भ्भ् चालान बाइक में ट्रिपलिंग करने पर। -ब्9ब् चार पहिया मालिकों पर काली फिल्म लगाने पर कार्रवाई। -फ्ब् के खिलाफ शराब पीकर ड्राइविंग करने पर कार्रवाई। -क्ब्ब् लोगों के खिलाफ तेज रफ्तार गाड़ी चलाने पर कार्रवाई। -ब्फ्9 माइनर पर बाइक चलाने पर कार्रवाई। (यह रिकार्ड ख्म् दिन के हैं) अवेयरनेस के लिए चलाए गए प्रोग्राम ट्रैफिक डिपार्टमेंट की तरफ से ट्रैफिक मंथ में अवेयरनेस के लिए क्भ् बिंदुओं पर अलग-अलग प्रोग्राम चलाए। गोष्ठी, आटो रिक्शा पर स्लोगन, स्कूल बच्चों से गांधीगीरी, रंगोली प्रतियोगिता, मानव श्रृखला रैली, वाद-विवाद प्रतियोगिता, बाइक जूसुल, कैंडल मार्च और हेल्थ कैंप लगाया गया। शासन की तरह से ट्रैफिक अवेयरनेस प्रोग्राम के कुल 9भ् हजार रूपए का बजट आया है। फिर भी सिविक सेंस की कमीसिटी की बिगड़ चुकी ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए ट्रैफिक डिपार्टमेंट ने चालान और शमन शुल्क वसूलने के साथ लोगों को जागरूक करने के लिए कई अभियान भी चलाए, लेकिन लोगों में सिविक सेंस की कमी होने के चलते ट्रैफिक व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही हैं। पहली बार ऐसा हुआ कि पुलिस विभाग के कर्मचारियों के साथ-साथ कई सब इंस्पेक्टर और एसओजी टीम तक की गाडि़यों का चालान किया गया है।
वर्जन- ट्रैफिक मंथ पर अन्य महीने की अपेक्षा तीन गुना चालान और जुर्माना वसूला गया है। हालांकि हर महीने करीब चार से पांच लाख रुपए जुर्माने के रुप में वसूला जाता है। ट्रैफिक व्यवस्था के लिए पब्लिक को अवेयर भी किया जा रहा हैं। पब्लिक के बिना ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारा नहीं जा सकता। रमाकांत प्रसाद, एसपी ट्रैफिक