नहीं बना थाना तो कहां करें एफआईआर
- दस साल पहले बनाई गई थी थाना बनाने की स्कीम
- शिकायत करने के लिए ढूंढते रहते हैं टूरिस्ट थाना दस साल पहले बनाई गई थी थाना बनाने की स्कीम - शिकायत करने के लिए ढूंढते रहते हैं टूरिस्ट थाना GORAKHPUR :GORAKHPUR : विदेशी सैलानियों के साथ होने वाले घटनाओं की शिकायत दर्ज करने के लिए टूरिस्ट थाने बनाने का प्रोजेक्ट अटक कर रह गया। ईस्टर्न यूपी में आने वाले टूरिस्ट्स को कंप्लेंट करने के लिए इधर-उधर चक्कर लगाने पड़ते हैं। उस प्रोजेक्ट के लिए जिन इंस्पेक्टर्स की भर्ती हुई, वो अब बतौर गाइड काम कर रहे हैं। इंस्पेक्टर हुए भर्ती, ठप हुई योजनादस साल पहले बने इस प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश में आने वाले टूरिस्ट को शिकायत दर्ज कराने के लिए टूरिस्ट थाने बनाए जाने थे। जिनमें एसपी, सीओ और इंस्पेक्टर की पोस्टिंग होनी थी। स्कीम में टूरिज्म डिपार्टमेंट के पास ही रिपोर्ट दर्ज करने और मामले की जांच की जिम्मेदारी थी। इसके लिए नौ टूरिज्म इंस्पेक्टर और एक टूरिज्म सब इंस्पेक्टर की भर्ती की गई, लेकिन बाद में योजना ठप हो गई। आगे कोई काम नहीं हो पाया। जिन टूरिज्म इंस्पेक्टर की भर्ती हुई थी। उन्हें टूरिस्ट की हेल्प करने की जिम्मेदारी दे दी गई। टूरिज्म डिपार्टमेंट के डिप्टी डॉयरेक्टर पीके सिंह ने बताया कि टूरिज्म डिपार्टमेंट के इंस्पेक्टर को कोई पावर नहीं है। तैनाती वाली जगह पर भी इन्हें कार्यवाही का अधिकारी नहीं है।
बनता थाना तो करते शिकायत - क्ब् फरवरी ख्0क्भ् को सोनौली मार्ग पर एक प्राइवेट बस ड्राइवर ने जापानी टूरिस्ट से ज्यादा किराया वसूल लिया था। इस मामले में वो शिकायत के लिए भटकता रहा, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। - क्7 जून ख्0क्भ् को वाराणसी से लुंबिनी जा रहे टूरिस्ट की गाड़ी को रोककर टैक्स के नाम पर वसूली का मामला सामने आया था। - ख्फ् जुलाई ख्0क्भ् को कुशीनगर रोड पर सोनबरसा बाजार के पास कुछ स्थानीय लोगों ने टूरिस्ट के साथ अभद्र व्यवहार किया, लेकिन इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई। टूरिज्म डिपार्टमेंट की तरफ से इस स्कीम को लागू करने की पूरी कोशिश की गई थी। लेकिन पुलिस की तरफ से सहयोग न मिलने के कारण योजना फ्लॉप हो गई। पीके सिंह, डिप्टी डायरेक्टर, टूरिज्म डिपार्टमेंट