पिछड़ी जाति से ली समाजवादी पेंशन, एससी का प्रमाणपत्र दिखा बन गया प्रधान
- जगदीशपुर के प्रधान के खिलाफ शिकायत के बाद तहसीलदार ने की जांच
- कार्रवाई के लिए एसडीएम को भेजी जांच रिपोर्ट SAHJANWA: सहजनवां क्षेत्र के जगदीशपुर के प्रधान के खिलाफ तहसीलदार की जांच में प्रथम दृष्टया गलत जाति प्रमाण पत्र के आधार पर चुनाव लड़ने का मामला सामने आया है। तसहीलदार ने जांच रिपोर्ट एसडीएम को प्रेषित कर दी है। एसडीएम का कहना है कि रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी।सहजनवां क्षेत्र की रसाड़ न्याय पंचायत के जगदीशपुर ग्रामसभा से प्रधान बिहारी के खिलाफ गांव के ही एक व्यक्ति ने एसडीएम से शिकायत की थी। शिकायतकर्ता ने एसडीएम को जानकारी दी कि चुनाव से पहले बिहारी ने समाजवादी पेंशन लिया। इसमें उसने खुद को पिछड़ी जाति का बताया है। पेंशन की तीन किश्त प्रधान के बोक्टा स्थित एसबीआई खाते में गई भी है। चुनाव में प्रधान पद अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हो जाने पर वह अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र लगाकर चुनाव लड़ गया।
तहसीलदार को दिया जांच का जिम्माशिकायत के बाद तत्कालीन एसडीएम ने नायब तहसीलदार सहजनवां प्रियंका चौधरी को जांच की जिम्मेदारी दी। जांच में पाया कि प्रधान जन्म स्थान जगदीशपुर में नहीं है। उनका परिवार वर्ष 1998 में आई बाढ़ में इस गांव में आ गया था। तहसीलदार का कहना है कि चूंकि उनका जन्म ही यहां नहीं हुआ, पूर्वज ही यहां के नहीं हैं, ऐसे में जाति को लेकर स्पष्ट नहीं हो पा रही हैं।
तो रद हो जाएगा चुनाव यदि एससी का प्रमाण पत्र गलत साबित होता है तो इसमें कई लोगों पर गाज गिरनी तय है। प्रधान को एससी का प्रमाणपत्र जारी करने वाले लोग तो फसेंगे ही, प्रधान की कुर्सी जानी भी तय है। चूंकि उन्होंने एससी के रूप में चुनाव लड़ा है। ऐसे में यदि उनकी जाति एससी नहीं प्रमाणित होती है तो चुनाव रद हो सकता है। जांच पूरी हो गई है लेकिन अभी रिपोर्ट नहीं मिली है। प्रथम दृष्टया जाति प्रमाणपत्र गलत लग रहा है। पूरी बात रिपोर्ट देखने के बाद ही कह सकता हूं। - दिनेश मिश्र, एसडीएम