लापरवाही हॉस्पिटल की, जेब कट रही पेशेंट्स की
- महीने भर से ज्यादा वक्त से बंद पड़ी है टीएमटी/कलर डॉप्लर इको मशीन
- मजूबरी में हॉस्पिटल से 6 गुना ज्यादा कीमत पर बाहर जांच करा रहे पेशेंट्स GORAKHPUR : डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में महंगी मशीनें लगाई गई हैं ताकि इलाज को आने वाले पेशेंट्स का सस्ते रेट पर डायग्नोसिस किया जा सके। लेकिन हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की लापरवाही के चलते कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में इलाज कराने वाले पेशेंट्स की जेब कट रही है। दरअसल हॉस्पिटल के डीसीआरवी सेंटर में लगाई गई टीएमटी कलर डॉप्लर इको मशीन महीने भर से ज्यादा वक्त से खराब पड़ी है। इसके चलते मजूबरन पेशेंट्स को बाहर जांच करानी पड़ रही है जो सरकारी रेट से म् गुना महंगी है। मामले में हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का कहना है कि रिपेयरिंग के लिए प्रपोजल भेज दिया गया है। मशीन को ठीक कराने में ख्.भ् लाख रुपए का खर्च आएगा। डेली आते हैं भ्0-म्0 पेशेंट्सकार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट में डेली भ्0-म्0 हार्ट पेशेंट्स आते हैं। इनमें से करीब भ् पेशेंट्स के हार्ट को डायग्नोज किया जाता है। पेशेंट्स की भीड़ के बावजूद हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन ने महीने भर से खराब पड़ी मशीन को ठीक कराने की जहमत नहीं उठाई है। डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल में इको मशीन से होने वाली जांच ख्00 रुपए में होती है, जबकि बाहर क्ख्00 रुपए लगते हैं। हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन की नजरअंदाजी का खामियाजा पेशेंट्स भुगत रहे हैं। सस्ती जांच की बजाय उन्हें म् गुना एक्स्ट्रा रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।
ये होती है जांच टीएमटी/कलर डॉप्लर इको मशीन से हार्टबीट काउंट, ब्लड फ्लो, हार्ट फंक्शनिंग और उसका साइज देखा जाता है। इको मशीन की रिपेयरिंग के लिए प्रपोजल बनाकर भेज दिया गया। मशीन बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर से भी बात हो गई है। जल्द ही मशीन ठीक करा दी जाएगी। डॉ। एचआर यादव, एसआईसी, जिला अस्पताल