Smart Helmet : शानदार इनोवेशन... हेलमेट हटाते ही बंद हो जाएगी बाइक
गोरखपुर (ब्यूरो).आईटीएम गीडा में बीटेक सेकेंड ईयर के स्टूडेंट प्रशांत कुमार शर्मा, उत्कर्ष दुबे और गौरव कुशवाहा पढ़ाई के दौरान ही अच्छे दोस्त भी बन गए। इन स्टूडेंट्स का कहना है कि आए दिन बिना हेलमेट चलने वाले व्यक्ति को चालान का सामना करना पड़ता है। वहीं, बिना हेलमेट बाइक ड्राइव करते समय सड़क दुर्घटना में तो जान तक चली जाती है। स्टूडेंट्स ने कहा कि एक बार जब बाइक से हेलमेट अटैच हो जाता है तो कोई भी इंसान चाह कर भी गलती या भूल नहीं कर पाता है। उसे किसी भी हाल में हेलमेट लगाना अनिवार्य होता है, क्योंकि बाइक तभी स्टार्ट होगी। इस तरह बनाया स्मार्ट हेलमेट
आईटीएम सेकेंड ईयर इलेक्ट्रोनिक ब्रांच के तीन स्टूडेंट्स ने बताया, स्मार्ट हेलमेट देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया से प्रेरित होकर बनाया है। स्मार्ट हेलमेट के दो पार्ट हैं, पहला एक ट्रांसमीटर सेंसर है। जो हेलमेट के अंदर लगा है। दूसरा सेंसर रिसिवर किट है, जो हेलमेट के ट्रांसमीटर सेंसर से जुडा है। ये पूरी स्मार्ट हेलमेट डिवाइस रेडिओ फ्रिक्वेंशी टेक्नोलॉजी के माध्यम से एक दूसरे से जुडा होता है। जैसे ही हम हेलमेट को पहनते हैं। उसमे लगा सेंसर एक्टिवेट हो जाता है और मोटर साइकिल में लगे रिसिवर को अपने सिग्नल की मदद से ऑन कर देता है, जिससे हेलमेट पहनते हीं आप की मोटर साइकिल स्टार्ट हो जाती है। जैसे ही आप हेलमेट को सिर से निकालते हैं, उसमे लगा सेंसर डिएक्टिवेट हो जाता है। जिससे मोटर साइकिल का इंजन बंद हो जाता है। इस हेलमेट के पीछे दो रेड इंडिकेटर लाइट भी लगी हैं, जो दूर से पीछे की तरफ से आने वाले वाहनो को इंडिकेट करता है, ताकि कोई दुर्घटना न हो। इस हेलमेट की मैन्यूफैक्चरिंग कॉस्ट 2000 रुपए है जबकि मार्केट में यह 5000 रुपए में मिलेगा।सीएम से मिलना चाहते हैं स्टूडेंट्सतीनों स्टूडेंट अपने स्मार्ट हेलमेट का प्रदर्शन सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने करना चाहते हैं। इसके लिए सीएम को लेटर भी लिखा है। बिना हेलमेट चालान का आकड़ामंथ चालान शमन शुल्कजनवरी- 2101 3,59,000फरवरी 3301 4,12,000मार्च 2963 4,95,000अप्रैल 11,214 10,84,000मई 18,651 14,52,000
जून 14,012 14,34,000जुलाई 16,143 11,76,000अगस्त 25,905 13,10,500योग 94,290 77,22,500स्टूडेंट्स के प्रयास से बहुत खुशी है। बच्चों के आइडिया इनोवेशन से देश को और विकासशील बनाने में मदद मिलेगी। हम जल्द ऐसे स्टूडेंट्स के इनोवेशन को बाजार में लाने का प्रयास करेेंगे। डॉ। एनके सिंह, डायरेक्टर आईटीएम गीडा