Municipal Elections Gorakhpur : सिर्फ सदन में दिखी 'शक्ति', बाहर पति-पुत्रों ने चलाई पार्षदी
गोरखपुर (ब्यूरो)।अतीत में जाएं तो उनके अधिकांश काम पति, पुत्र व अन्य पुरुष प्रतिनिधि ही संभालते नजर आए हैं। बात चाहे विकास कार्य कराने की हो या फिर क्षेत्र में बने रहने की हो। हर जगह उनके पुरुष प्रतिनिधि ही दिखते हैं। ये लोगों की समस्याएं सुनने के साथ उनकी दिक्कतों को दूर कराते हैं। लोग भी इन्हें ही पार्षद मानकर इनके पास पहुंचते हैं। इसके बाद भी कुछ महिला पार्षद मिथक भी तोड़ क्षेत्र में बराबर दिखती रही हैं। इस बार चुनाव में कई नए चेहरे भी देखने को मिल रहे हैं। 80 वार्ड में 27 महिला पार्षद होंगी
इस बार 80 वार्ड वाले नगर निगम में 27 सीट महिलाओं के लिए आरक्षित हैं। इसमें सामान्य, पिछड़ा और अनुसूचित जाति की सभी महिलाएं शामिल हैं। पिछले साल इनकी संख्या 22 थी। खुद में सक्षम महिला दावेदार वार्डों में कार्यकर्ताओं और परिवार के सदस्यों के साथ प्रचार कर रही हैं। कुछ ऐसी भी है जो पति पर ही निर्भर हैं। ऐसी है आरक्षण की व्यवस्था
नगर निकाय चुनाव इस बार 80 वार्डों में चुनाव हो रहे हैं। इससे पहले 70 वार्ड थे। नए परिसीमन में 10 नए वार्ड 32 गांव जोड़कर बनाए गए हैं। 80 सीटों में 46 सीटें रिजर्व हैं, जिनमें से महिलाओं के लिए 27 सीटें महिलाओं के लिए ही हैं। जबकि 34 पर कोई भी चुनाव लड़ सकता है। सामान्य के लिए 34, महिला के लिए 17, पिछड़ा वर्ग के लिए 14, पिछड़ा वर्ग महिला के लिए 07, अनुसूचित जाति के लिए 05 और अनुसूचित महिला के लिए 03 वार्ड आरक्षित हैं। अनारक्षित मेयर सीट पर सपा से महिला उम्मीदवार समाजवादी पार्टी ने सपा से महिला उम्मीदवार काजल निषाद को उतारा है। काजल निषाद का कहना है कि आज के समय में महिलाएं खुद सक्षम हैं। वह घर से लेकर बाहर तक काम को संभाल रही हैं। बताया कि मेयर चुने जाने के बाद खुद ही सारे डिसीजन लूंगी और विकास कार्य कराऊंगी। महिलाएं किसी मामले में कमजोर नहीं हैं। फैक्ट फाइलनगर निगम के वार्ड - 80 कुल मतदान केंद्र - 191 कुल मतदान स्थल - 818 नगर निगम के पुरुष मतदाता - 5,75,826नगर निगम के महिला मतदाता - 4,72,636 कुल नगर निगम के मतदाता - 10,48,462महिला कैंडिडेट बोलीं
वार्ड 66 की भाजपा प्रत्याशी आरती सिंह ने बताया, वह निवर्तमान पार्षद हैं। इस बार दोबारा चुनाव लड़ रही हूं। इसके पहले ग्राम प्रधान भी रह चुकी हैं। डबल एमए, बीएड करने के साथ उनके पास संस्कृत में आचार्य की डिग्री है। उनके पति मोहन सिंह सिर्फ उनके काम में सहयोग करते हैं। क्षेत्र में वह खुद दिखती हैं। लोग उनके पास अपनी समस्याएं लेकर आते हैं। मेरी अनुपस्थिति में पति शिकायतें सुनते हैं और निस्तारण कराने का आश्वासन देते हैं। वार्ड 43 की भाजपा प्रत्याशी ज्ञान्ती देवी पार्षद रह चुकी हैं। उनके पुत्र चंद्रशेखर सिंह लगातार चार बार पार्षद रहे हैं। ज्ञान्ती देवी ने बताया कि उन्हें राजनीति की अच्छी समझ है। पार्षद रहते हुए वह हमेशा क्षेत्र के लोगों के सुख दुख में शामिल होती रही हैं। क्षेत्र में कोई विकास कार्य हो, मौके पर पहुंचकर उसकी जांच करती हूं। पुत्र चंद्रशेखर सिंह उनके काम में सहयोग देते हैं। वार्ड 75 की भाजपा प्रत्याशी संगीता देवी महिला सीट के चलते पहली बार चुनाव मैदान में हैं। वह गे्रजुएट हैं। उनका कहना है कि वह क्षेत्र का विकास कराने में सक्षम हैं। उनके पति चंद्रप्रकाश सिंह काम में सहयोग करते हैं। वह पढ़ी लिखी महिला हैं, सबकुछ समझती हैं। घर से लेकर बाहर तक का काम संभालना जानती हैं। जीत के बाद खुद ही सारे काम भी करूंगी।
वार्ड 19 की आप प्रत्याशी सविता राव ने बताया कि वह पढ़ी लिखी हैं। पति निर्मल सिंह श्रीनेत उनके काम में सहयोग करते हैं। वह चुनौतियों से अच्छी तरह से निपटना जानती हैं। चुनाव में खुद ही प्रचार कर रही हूं। सहयोग में बहुत से लोग है। जीत के बाद वार्ड का विकास ऐसा होगा, जो अन्य वार्डों के लिए मॉडल बनेगा।