Gorakhpur News : प्रोत्साहन की घड़ी करीब, गुड सेमेरिटन के लिए मांगा बजट
गोरखपुर (ब्यूरो)।सड़क दुर्घटना में घायलों की जान बचाने वाले अच्छे मददरगार व्यक्ति को गुड सेमेरिटन कहा जाता है। गोरखपुर में इस तरह के 12 गुड सेमेरिटन चिह्नित किए गए हैं। इसमें सभी एम्बुलेंस चालक है, जिन्होंने घायलों को गोल्डन ऑवर में अस्पताल पहुंचाकर उनकी जान बचाई है। दो हजार से 5 हजार का प्रोत्साहन गुड सेमेरिटन को दो हजार से पांच हजार रुपए प्रोत्साहन राशि दी जाती है। साथ ही इस कार्य के लिए उन्हें सम्मानित भी किया जाता है। वह चाहे एंबुलेंस चालक हो, पुलिस हो या फिर राहगीर हो। हालांकि बहुत लोग ऐसे होते है कि कानून के पचड़े में नहीं पड़ते हैं और दुर्घटना स्थल से बिना मदद किए चले जाते हैं। मगर उन्हें डरने की जरूरत नहीं है। गुड सेमेरिटन कानून कैसे मिला?
पिछले दस वर्षों में भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 13 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। भारत के विधि आयोग के अनुसार, इनमें से 50 परसेंट पीडि़तों की मृत्यु रोकथाम योग्य चोटों से हुई और यदि उन्हें समय पर देखभाल मिलती तो उन्हें बचाया जा सकता था। पीडि़त को आपातकालीन देखभाल प्रदान करने में दर्शक की भूमिका महत्वपूर्ण होती है। फिर भी, भारत में, कानूनी नतीजों और प्रक्रियात्मक परेशानियों के डर से दर्शक घायलों की मदद करने से झिझक रहे हैं। 2012 में सुप्रीम कोर्ट में एक पीआईएल दायर की गई थी, जिसमें कोर्ट से घायलों की मदद के लिए आगे आने वाले अच्छे लोगों की सुरक्षा करने का अनुरोध किया गया था। इसके लिए अप्रेजल कमेटी गठित की गई है। इसमें डीएम, एसएसपी, आरटीओ, सीएमओ और एआरटीओ शामिल किए गए हैं। समिति ही इसका निर्णय लेती है। गुड सेमेरिटन को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान है। बजट के लिए शासन से डिमांड की गई है। अरुण कुमार, एआरटीओ प्रशासन