कमरे में जलाई अंगीठी, सीओ से 2 बच्चों की मौत
गोरखपुर (ब्यूरो)। गगहा एरिया के चकमाली उर्फ विठुआ में एक मां अपने बच्चों को ठंड से बचाने के लिए अंगीठी जलाकर आग सेंक रही थी। रात में कमरे का दरवाजा बंद कर वह सो गई और अंगीठी जलती रही, जिससे पूरे कमरे में धुआं भर गया और इससे निकलने वाली गैस से दम घुटने से दोनों बच्चों की मौत हो गई। जबकि मां की हालत गंभीर है। उसे इलाज के लिए एक निजी हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई गई है। डॉक्टरों का कहना है कि कभी भी बंद कमरे में अंगीठी नहीं जलानी चाहिए, क्योंकि आग की वजह से निकलने वाली कार्बन मोनोऑक्साइड (ष्टह्र) जानलेवा हो सकती है। कमरे में भर गया धुआं
चकमाली उर्फ विठुआ निवासी दिलीप निषाद खाड़ी देश में नौकरी करते हैं। घर पर पत्नी राधिका, बेटा अंश (5) व बेटी अंतिका (3) के साथ रहती थी। मंगलवार को ठंड से बचने के लिए राधिका अंगीठी जलाकर कमरा बंदकर बच्चों के साथ सो गई। रात में आग बुझाने के बाद कमरे में धुंआ होने के कारण दम घुटने से दोनों बच्चों की मौत हो गई। वहीं, मां राधिका बेहोश हालत में कमरे के अंदर पड़ी रही। ग्रामीणों ने सुबह उसे लेकर पास के एक प्राइवेट हॉस्पिटल भर्ती करवाया। उधर, दोनों बच्चों की मौत की खबर व पत्नी की हालत गंभीर सुनकर दिलीप भी घर के लिए निकल पड़े। दोनों बच्चों का शव घर पर है। अंगीठी से निकलती है जहरीली गैस जिला अस्पताल के सीनियर फिजीशियन डॉ। बीके सुमन ने बताया, सर्दी से बचने के लिए अगर आप कोयले या लकड़ी की अंगीठी जलाते हैं तो अलर्ट रहें। अंगीठी के अलाव से कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है, जो जहरीली होती है। इससे जान जा सकती है। खासकर जब कोई बंद कमरे में इसका इस्तेमाल करता है तो कमरे के अंदर ऑक्सीजन खत्म हो जाती है और कार्बन मोनोऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है। सोया हुआ व्यक्ति जब सांस लेता है तो आक्सीजन की जगह कार्बन मोनोऑक्साइड ही शरीर में जाती है, जिससे दिमाग पर असर होता है और इंसान बेहोश हो जाता है। यही नहीं सांस के जरिए यह जहरीली गैस लंग्स और शरीर के बाकी हिस्सों में पहुंच जाती है। ब्लड में हीमोग्लोबीन की मात्रा कम हो जाती है और इंसान की मौत हो जाती है। बरतें यह सावधानी कमरे को बंद नहीं करना चाहिए। अगर कमरे में एक से ज्यादा व्यक्ति सो रहे हैं तो ज्यादा देर तक आग न जलाएं।
बंद कमरे में रोज अंगीठी या हीटर जलाने से सीने में दर्द की शिकायत हो सकती है। अगर हीटर या ब्लोअर चला रहे हैं तो लगातार नहीं चलाएं या थोड़ी-थोड़ी देर के लिए कमरा खोल दें। सीने में दर्द, मिचली, सिर दर्द, डिप्रेशन या सांस लेने में दिक्कत के लक्षण दिखें तो लापरवाही न करें। डॉक्टर की सलाह लें।हीटर-ब्लोअर के इस्तेमाल के दौरान रखें ख्याल डॉक्टर्स का कहना है कि जहां पर हीटर जलाएं। वहां आसपास जलने वाली चीजें जैसे कागज, कपड़े, कंबल, रजाई आदि न रखें। बेड से भी इसे दूर रखें। जब भी हीटर जलाएं तो थोड़ी-थोड़ी देर पर कमरा खोल दें। क्योंकि इससे कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है, जो खतरनाक हो सकती है।