एक साथ चार की हत्या ने फैलाई सनसनी
- महिला, तीनों बच्चों की रॉड और डंडे से पीटकर हत्या
- अर्द्घनिर्मित मकान में दो दिन से पड़ी थी लाशें - मौके पर लगा पुलिस के आलाधिकारियों का जमावड़ाGORAKHPUR : शाहपुर एरिया में पूरी फैमिली के मर्डर से सनसनी फैल गई। महिला और उसके तीन बच्चों की हत्या 29 जुलाई की रात की गई। वारदात का पता पुलिस को फ्राइडे को लगा जब मृतका के भाई ने घर पर जाकर दिल दहला देने वाला नजारा सामने देखा। टेट्रा मर्डर की सूचना पाकर पुलिस चौकन्नी हो गई। डीजीपी कार्यालय के निर्देश पर पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे। घटना की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मौके पर आईजी जोन, डीआईजी रेंज, डीएम, एसएसपी, एसपी सिटी, एसपी क्राइम समेत भारी पुलिस बल पहुंचा। घटनास्थल की पड़ताल के लिए लखनऊ से फोरेंसिक की विशेष टीम आ रही है जो सबूतों को कलेक्ट करेगी। पुलिस फिलहाल पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। उधर, घटना को लेकर पूरे एरिया में तनाव है। स्थिति को देखते हुए पुलिस बल तैनात किया गया।
सीआरपीएफ में जवान है जवाहिरझरना टोला स्थित ठाणो लाइन के पास सीआरपीएफ में कांस्टेबल जवाहिर कन्नौजिया का परिवार रहता था। जवाहिर छत्तीसगढ़ में पोस्टेड है। उसकी पत्नी राजी(35), बड़ी बेटी पूनम (16), बेटा अनूप (15) और छोटी बेटी रूबी(12) घर में रहते थे। जवाहिर ने एक साल पहले ही यहां मकान बनवाया था और उसमें अभी भी कंस्ट्रक्शन चल रहा है। मूल रूप से झगहां के बड़की राजी जगदीशपुर का रहने वाला जवाहिर दो माह पहले घर की वायरिंग कराने घर आया था।
जिसने देखा, वही सहम गयाजवाहिर अपनी पत्नी और बच्चों से रोज बात करता था। पिछले दो दिन से उसकी पत्नी का मोबाइल लगातार स्विच ऑफ पाकर वो परेशान हो गया। उसने अपने साले रामू को फोन किया और घर जाने को कहा। रामू थर्सडे नाइट करीब 10.30 बजे जवाहिर के घर पहुंचा तो ताला बंद मिला। उसे लगा पूरी फैमिली कहीं गई होगी, इसलिए वह वापस लौट गया। फ्राइडे सुबह रामू फिर जवाहिर के घर गया। ताला पाकर उसने किसी तरह चहारदीवारी फांद एंट्री की। भीतर से उठ रही तेज दुर्गध ने रामू को किसी दुर्घटना का अंदेशा दिया। उसने अंदर झांका तो उसका कलेजा मुंह को आ गया। भीतर पहले कमरे में उसकी बहन राजी की लाश पड़ी थी। सीढ़ी के पास पूनम और बगल के कमरे में अनूप और रूबी की लाश पड़ी थी। पुलिस मौके पर पहुंची तो अंदर का नजारा देखकर हर किसी की रुह कांप गई। एक साथ चार लाशें सामने देख लोगों का गुस्सा फूट पड़ा।
सुराग या सवाल? - नीनाथापा इंटर कॉलेज के सामने से जाने वाली पतली सड़क ठाणो लाइन की ओर जाती है। बाई तरफ चार-पांच मकान छोड़कर जवाहिर का मकान है। अगल-बगल के प्लॉट खाली हैं। सामने और आस-पड़ोस में कई मकान हैं। अगर 29 जुलाई को हत्यारा/हत्यारे ने चार लोगों को मौत के घाट उतारा तो किसी ने उनकी चीखें क्यों नहीं सुनीं? - क्या हत्यारा/हत्यारे परिवार के जानने वाले ही हैं? क्योंकि हत्या करने के बाद मेन गेट पर ताला लगाया गया। घटनास्थल पर प्रतिरोध के कोई निशान नहीं मिले। घर की छत पर एक चारपाई लगी हुई थी और सीढि़यों का दरवाजा खुला हुआ था। - घर अभी अंडर कंस्ट्रक्शन है। मकान में कुल तीन कमरे, किचन और बाथरूम के अलावा सीढी है। कमरे के बाहर ही दो दरवाजे लगे थे। इसके बाद एक लोहे का गेट था। लाशें अलग-अलग कमरों में मिलीं। ऐसा कैसे संभव है कि एक कमरे में किसी पर रॉड से वार किया जाए और दूसरे कमरे में मौजूद किसी को पता तक न चले। किसी के भी कपड़े अस्त-व्यस्त न मिलना किसी बड़ी साजिश की ओर इशारा करता है।- कमरे में जो भी सामान था, वह सही सलामत मिला। यानी बदमाशों ने लूट की नीयत से वारदात को अंजाम नहीं दिया। तो फिर चार लोगों को एक साथ मारने की क्या वजह रही?
पुलिस इन पहलुओं पर कर रही जांच - आशंका जताई जा रही है कि घर में कोई पहुंचा और राजी के साथ दुराचार की कोशिश की होगी। आवाज सुनकर छत से पूनम नीचे उतरी और उसने आपत्ति की तो पहले मां की हत्या की गयी। पूनम डर से भागी तो उसकी हत्या सीढ़ी के पास की गयी। सारे सबूत मिटाने के लिए दूसरे कमरे में सो रहे अनूप और रूबी की भी हत्या कर दी गयी। - किचन में चार ग्लास मिले है। आशंका कि हत्यारा/हत्यारे परिवार से परिचित थे। - फैमिली मेंबर्स के मुताबिक कुछ साल पहले किसी ने जवाहिर को धमकी दी थी, लेकिन गांव में किसी से कोई विवाद नहीं था। - प्रारंभिक जांच में पुलिस घर में आने-जाने वालों को केंद्र में रख कर जांच कर रही है। परिवार से दुश्मनी रखने वालों को भी जांच के केंद्र में रखा गया है। पुलिस ने पूनम की एक सहेली की डिटेल्स खंगालनी शुरू की हैं।- पुलिस को मौके से अहम सुराग मिले है। मौके से मोबाइल भी पुलिस ने बरामद कर लिया है। हत्यारे तक पहुंचे के लिए क्राइम ब्रांच के साथ कई टीमें लगाई गई हैं
सबसे छोटा बेटा है जवाहिर जवाहिर की मां बलकेसा देवी ने बताया कि परिवार में सबसे बड़ा बेटा मोहन, बेटी दुर्गावती, हीरा लाल, जवाहिर और राधिका है। सभी की शादी हो चुकी है। जवाहिर की शादी सहजनवां एरिया के जोन्हिया निवासी रामगजन की बेटी राजी से हुई थी। दोनों को पूनम, अनूप और रूबी जैसे खूबसूरत बच्चे बख्शे। तीनों पढ़ाई में अव्वल थे। पूनम एक प्राइवेट स्कूल में 11वीं की छात्रा थी। केंद्रीय विद्यालय में अनूप 9वीं और रूबी 7वीं क्लास में पढ़ाई करते थे। वो नहीं जा पाएगा स्कूल जवाहिर की 85 वर्षीय मां बलकेसा देवी के सामने ही उनका पूरा परिवार उजड़ गया। बुढ़ापे में अपनी बहू और पोते-पोतियों की लाश देखकर उनका कलेजा फट पड़ा। आंसुओं की धार के बीच उन्होंने बताया कि पांच दिन पहले बहू राजी गांव आई थी। उसने कहा था कि हमारे साथ गोरखपुर चलो, लेकिन धान की रोपाई के नाते मैं नहीं जा सकी। कुछ दिन पहले ही पोते-पोतियों से फोन पर बात की थी। अनूप ने मुझसे कॉपी-किताब खरीदने के लिए पैसे मांगे थे। मुझे क्या पता था कि अब वो कभी स्कूल नहीं जा पाएगा। सदमे में हैं पूनम के सहपाठी हत्या की जानकारी मिलने पर पूनम के साथ पढ़ने वाले स्टूडेंट्स पहुंच गए। अनिकेत, अनिकेत कश्यप, संदीप सिंह, राहुल ने बताया कि 29 जुलाई्र को अंगे्रजी का यूनिट टेस्ट था, जिसमें पूनम ने हिस्सा लिया था। शाम के वक्त उसे नंदानगर के पास बर्गर खाते हुए दिखाई दी थी। पिछले दो दिन से वह स्कूल नहीं आ रही थी। जब बच्चे घर पहुंचे तो वारदात की सूचना पाकर सहम गए।