A Wednesday

एक फिल्म आई थी 'ए वेडनसडे'। फिल्म में मुंबई को धमाके से दहलाने की साजिश के बारे में दिखाया गया था। एक ऐसे ही वेडनसडे का कहर शहर ने भी महसूस किया। फेस्टिवल की खुमारी अभी लोगों के जेहन से उतरी भी नहीं थी कि एक के बाद हादसों ने शहर को दहलाकर रख दिया। एक तरफ प्रतिमा विसर्जन के बाद राप्ती में नहाने गए कैंट एरिया के दो तो बेलीपार का एक मासूम डूब गया। वहीं डेयरी कॉलोनी स्थित लोको ग्राउंड में एक युवक गला रेतकर हत्या से सनसनी फैल गई।

लहरों ने लील लिया लाल

- प्रतिमा विसर्जन के बाद राप्ती में नहाते वक्त डूबे दो किशोर, बेलीपार में भी एक नदी में समाया

GORAKHPUR:

बड़ी खुशी से वह प्रतिमा विसर्जन के लिए घर से निकले थे। लेकिन प्रतिमा विसर्जन के बाद नैचुरल कॉल के लिए राप्ती नदी के किनारे जाना उन्हें महंगा पड़ गया। नदी में फिसले तो लहरों ने उन्हें बाहर आने का मौका ही नहीं दिया। बात हो रही है उन किशोरों की जो बुधवार को प्रतिमा विसर्जन के बाद राप्ती नदी में नहाने गए थे, लेकिन वहां डूबने लगे। सूचना के बाद मौके पर पहुंचे लोगों ने दो की जान बचा ली, जबकि दो चचेरे भाइयों का अभी तक पता नहीं चला है। एनडीआरएफ और गोताखोर की टीम उनकी तलाश में लगी है लेकिन पड़ताल के बाद उनका पता नहीं चल पाया है। उधर घर दोनों बच्चों की मां का रो-रो कर बुरा हाल है।

डूबने की सूचना पर अफरा-तफरी

कैंट एरिया के गोपलापुर के रहने वाले अवधेश का 17 वर्षीय बेटा संजय और सुदर्शन का चौदह वर्षीय पुत्र शनि अपने भाई धनंजय, दीपू और प्रिंस के साथ बुधवार की सुबह 9 बजे दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के लिए राप्ती नदी गए थे। प्रतिमा विसर्जन के बाद सभी नैचुरल कॉल के लिए नदी के किनारे पहुंच गए। इसी दौरान उनका पैर फिसल गया और वह तेज धारा में समाहित हो गए। अन्य लड़कों ने शोर मचाया तो मौके पर मौजूद लोगों ने प्रिंस और श्याम की जान बचा ली लेकिन संजय और शनि गहरे पानी की तेज धारा में बहने लगे। हालांकि इस बीच लोगों ने बचाने की कोशिश की। उधर बच्चों को डूबता देखकर नगर निगम सफाई कर्मी ने श्याम और प्रिंस की जान बचाई। जबकि दो चचेरे भाई संजय व दीपू नदी की तेज धारा में बह गए। घटना के बाद एसपी सिटी हेमराज मीणा सहित अन्य पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच गए। एनडीआरएफ का दल दोनों की तलाश में जुट गया। घटना की खबर मिलते ही गांव में शोक की लहर दौड़ गई। गांव के लोग राप्ती के किनारे पहुंचने लगे।

मां को बेटों का इंतजार

गांव में एक तरफ बच्चों के नदी में डूबने की सूचना पर शोक मय है तो दूसरी तरफ बच्चों की मां अपने लाल का इंतजार कर रही है। घर का आलम यह है संजय व शनि का मां के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे हैं तो उधर पिता अपने बच्चों की राह तक रहे हैं। संजय की मां किसमती देवी व शनि की मां ऊषा दुर्गा प्रतिमा पांडाल के पास बैठकर मां से बच्चों के आने की दुआएं कर रही हैं। यह देखकर मौके पर मौजूद महिलाओं के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहा है।

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सबने समझा उसे मगरमच्छ खींच रहा है

बेलीपार के राप्ती नदी में विसर्जन के बाद दुर्गा प्रतिमा से बांस की लगी पट्टियां खींचने के चक्कर में एक किशोर नदी में डूब गया। उसके साथ गए दो किशोरों ने लोगों को बताया कि उसके पैर को मगरममच्छ ने खींच लिया। इसके बाद लोग वहां पहुंचे जरूर लेकिन डर के मारे किसी की बचाने की हिम्मत नहीं हुई। बाद में किशोर की डेड बॉडी निकाली गई तो बॉडी के किसी हिस्से में खरोंच तक के निशान नहीं मिले। इसके बाद लोगों ने आशंका जताई कि वह प्रतिमाओं में लगी लकडि़यों में फंसकर डूब गया होगा।

Posted By: Inextlive