गुरु जी के अभाव में कई स्कूल बंद
- सहजनवां के कई सरकारी स्कूलों में चल रही शिक्षकों की कमी
- कई स्कूल काफी लंबे समय से चल रहे बंद SAHJANWA: सहजनवां एरिया में सरकारी स्कूलों की व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही है। जबकि बेहतर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए सरकार हर साल पानी की तरह पैसा बहा रही है। इस क्षेत्र में किसी स्कूल में मानक से अधिक तो कहीं मानक से कम शिक्षकों की तैनाती है। इस असंतुलित व्यवस्था के चलते बच्चों को मिलने वाली शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। हालत यह है कि शिक्षकों के अभाव में पाली ब्लॉक के पांच स्कूल तो बंद हो चुके हैं। लटकता मिलता है तालाक्षेत्र के ज्यादातर सरकारी स्कूल शिक्षा विभाग के जिम्मेदारों के बड़े-बड़े दावों की हवा निकालने में लगे हैं। छात्रों के अभिभावकों का कहना है कि यहा ंप्राथमिक विद्यालय में ज्यादातर समय ताला ही लटकता मिलता है। ग्रामीणों ने बताया कि तीन माह से विद्यालय बंद चल रहा है। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय पनिका, बनोली, निवरहर, ईटार भी बंद पड़े हुए हैं। वहीं, स्कूल बंद रहने के कारण लगातार बच्चों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। लोगों ने जल्द से जल्द स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति कर पढ़ाई चालू करवाने की मांग उठाई है।
इन नौनिहालों को क्यास्कूल बंद होने से ग्रामीण अंचल के बच्चे भी काफी मायूस हैं। पढ़ाई के नुकसान के साथ ही मिड डे मील से भी मासूम वंचित हो गए हैं। बच्चों के भविष्य के साथ हो रहे इस खिलवाड़ पर पता नहीं क्यों जिम्मेदार ध्यान ही नहीं दे रहे। वहीं, शिक्षकों की कमी पर वे केवल आश्वासन देने में ही लगे रहते हैं।
ये हैं सरकारी आंकड़े शैक्षिक सत्र 2016 में कुल 143 विद्यालयों के सापेक्ष 260 अध्यापकों की तैनाती है। इसमें तीन अध्यापक वाले नौ और दो अध्यापक वाले 38 स्कूल हैं। बाकी पर एकल अध्यापक की तैनाती है। इसमें चार सह समन्वयक व आठ संकुल प्रभारी हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक तो स्थिति ठीक होनी चाहिए लेकिन इसके उलट सच्चाई कुछ और ही है। ज्यादातर जगहों पर चल रही शिक्षकों की कमी बच्चों का भविष्य अंधकारमय करने में लगी है। वर्जन बंद स्कूल को खुलवाले का प्रयास किया जा रहा है। - हरिगोविंद सिंह, एसडीआई