मोहल्ले के कूड़ों से पटेगा गोलघर!
- शाम को नगर आयुक्त और एडीएम सिटी की मध्यस्थता में वार्ता विफल
- आज से ठप रहेंगे नगर निगम के सभी काम, पार्षदों की धमकी के बाद निगम कर्मचारियों में आक्रोशGORAKHPUR: नगर निगम के कर्मचारियों और पार्षदों के बीच और बढ़ गया है। इन दोनों के बीच चल रहे टशन का असर अब जनता पर पड़ना तय है। बुधवार को दोबारा हुए विवाद के बाद कर्मचारियों ने नगर निगम की सभी सेवाएं ठप करने ऐलान कर दिया है। वहीं पार्षदों ने भी इन कर्मचारियों के खिलाफ मोर्चा खोलने की योजना बना ली है। पार्षदों का कहना है कि हम नगर पंचायत और टाउन एरिया के सभासद भी पार्षदों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस आंदोलन में भाग लेंगे। कर्मचारियों ने ऐलान किया कि गुरूवार की सुबह से कर्मचारी मोहल्ले से कूड़ा उठाएंगे और गोलघर से लेकर नगर निगम परिसर तक जहां भी जगह मिलेगी वहीं खड़ी कर देंगे।
एक दूसरे के खिलाफ दी तहरीरबुधवार को हुई झड़प के बाद नगर निगम के कर्मचारियों और पार्षदों ने एक दूसरे के खिलाफ कोतवाली थाने में तहरीर दे दी है। कर्मचारियों ने पार्षद चंद्रशेखर सिंह और जर्नादन चौधरी पर धमकी और गाली गलौज करने का आरोप लगाते हुए तहरीर दी है, जबकि पार्षदों ने भी कर्मचारियों के खिलाफ गाली देने और कमेंट करने को लेकर तहरीर दी है।
बनते-बनते बिगड़ गई बात बुधवार को पार्षद और कर्मचारी दोनों आपसी समझौता करने के लिए तैयार थे। इसके लिए सुबह 11 बजे अधिकांश पार्षद नगर निगम कार्यालय पहुंच गए। वहीं कर्मचारी भी पूर्व निर्धारित प्रदर्शन कार्यक्रम की तहत नगर निगम सुबह 10 बजे से ही जमा हो गए थे। नगर आयुक्त के न आने के कारण दोपहर 3 बजे तक के लिए वार्ता टल गई थी, उसी समय कुछ पार्षद ने कर्मचारियों से जनरेटर चलाने के लिए कहा। इस पर कर्मचारियों ने इनकार कर दिया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। कर्मचारी नेता रामप्रकाश सिंह ने कहा कि पार्षद जनार्दन चौधरी और पूर्व पार्षद चंद्रशेखर सिंह आए और आने के बाद कर्मचारियों को गाली देने लगे। वहीं पार्षद संजय सिंह का कहना था कि किसी पार्षद ने कर्मचारियों से कोई अभद्रता नहीं की है, कर्मचारी गलत आरोप लगा रहे हैं। कर्मचारियों ने पार्षदों को ललकाराकर्मचारियों और पार्षदों के बीच हुई झड़प के बाद नगर निगम का माहौल गरम हो गया। हंगामा होने के एक घंटे बाद अचानक नगर निगम कर्मचारियों की भीड़ कार्यालय से आकाशवाणी की तरफ चिल्लाते हुए दौड़ने लगी। लोग कुछ समझ पाते कि इस बीच पहले से मौजूद पुलिस ने मामले को शांत कराया। बाद में पता चला कि दो पार्षद जा रहे थे, जिनको कर्मचारियों ने ललकारा है। वहीं पार्षदों ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया है। इसके बाद एडीएम सिटी बीएन सिंह और नगर आयुक्त राजेश कुमार त्यागी की मौजूदगी में दोनों पक्षों के बीच वार्ता हुई, लेकिन दोनों अपनी बात पर अड़े रहे, जिससे कि बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल सका।