महंत दिग्विजयनाथ में शुक्रवार को आर्गनाइज सामूहिक विवाह में 404 जोड़े 7 फेरे लेकर एक-दूजे के हुए. शादी तो सादगी से हुई लेकिन जब खाने की बारी आई तो सारा गवर्नमेंट मैनेजमेंट फेल नजर आया. आलम यह रहा कि खाने के लिए लोगों में मारामारी मच गई. इसके चलते कई लोग बिना खाना खाए ही चले गए. अफसरों और अतिथियों के जाते ही फैली अव्यवस्था को संभालने की किसी ने जहमत नहीं नहीं उठाई.


गोरखपुर (ब्यूरो)। समारोह में खाने के लिए आमंत्रितों की जब भीड़ टूटी तो सारी व्यवस्था ध्वस्त हो गई। वहां बनाए गए स्टॉल कम पड़ गए। मारामारी इस कदर रही कि लोगों को प्लेट तक नहीं मिल पा रही थी। किसी तरह से प्लेट मिली तो भीड़ की वजह से भोजन मिलना मुश्किल हो गया। कुछ ने भोजन हासिल कर लिया तो बैठकर खाने के लिए चेयर न होने से जमीन का सहारा लेना पड़ा।11 मुस्लिम जोड़ों का कराया गया निकाहमहंत दिग्विजयनाथ पार्क में 404 जोड़ों के विवाह के बाद उपहार दिए गए। इसमें कपड़े, चांदी की पायल, बिछिया, बक्सा, बर्तन, प्रेशर कुकर आदि शामिल रहा। समारोह में 11 मुस्लिम जोड़ों का निकाह कराया गया।ये था मेन्यूपूड़ी सब्जी चावल दाल
केस-1: झंगहा निवासी वीरेंद्र ने बताया कि वह अपने रिश्तेदार की बेटी की शादी में आए थे। भोजन करने गए तो वहां काफी अव्यवस्था थी। इसलिए बिना खाए ही चले गए।केस-2: खजनी के सुभाष भी बिना भोजन किए चले गए। उन्होंने बताया कि जब लोगों की संख्या अधिक थी तो प्रशासन को स्टॉल की संख्या अधिक रखनी चाहिए थी।


केस-3: उरुवा की प्रेमशीला ने बताया कि वह बेटी की शादी में आईं थीं। खाने का इंतजार करती रहीं। स्टॉल पर भीड़ के चलते उन्हें परेशान होना पड़ा।

Posted By: Inextlive