अव्यवस्थाओं में तैरता स्विमिंग पूल
- टूटी पड़ी हैं पूल की टाइल्स, जल्दी गंदा हो जाता है पानी
- वाटर ट्रीटमेंट प्लान पड़ा है खराब, नहीं है सिखाने वाला ट्रेनर GORAKHPUR : स्विमिंग में नाम चमकाने की ख्वाहिश रखने वालों की उम्मीदें रीजनल स्पोर्ट्स स्टेडियम के पूल की हालत देखकर टूट जाती हैं। ट्रेनर की शॉर्टेज, टूटी टाइल्स, बजबजाता टॉयलेट, खराब वाटर ट्रीटमेंट प्लांट जैसी प्रॉब्लम्स स्विमर्स का मनोबल तोड़ रही हैं। ये हाल तब है जब शहर में स्विमिंग सीखने वालों की कमी नहीं है। स्टेडियम के अधिकारियों की ओर से शासन को प्रस्ताव भी भेजा गया, लेकिन उदासीनता से खिलाडि़यों को मायूस कर रखा है। सालों से खराब है प्लांटकरीब 30 वर्ष पहले बने रीजनल स्पोटर्स स्टेडियम के स्विमिंग पूल का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लगने के कुछ साल में ही खराब हो गया। करीब 11 साल पहले इस बंद कर दिया। काफी प्रयासों के बाद 3 साल पहले ये शुरू तो हुआ, लेकिन रेनोवेशन न होने से के चलते हालत दिनोंदिन बदतर होती चली गई। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट खराब होने से पूल में पानी भरने और डिस्चार्ज करने में काफी प्रॉब्लम फेस करनी पड़ती है।
नहीं है कोई सिखाने वालापिछले दो महीने में स्विमिंग सीखने आने वाले बच्चों से स्टेडियम ने करीब दो लाख रुपए बतौर फीस जमा कराए। लेकिन हालत ये है उन्हें ट्रेनिंग देने के लिए एक भी ट्रेनर नहीं है। लास्ट सेशन में स्विमिंग सीखने वालों में बड़ी संख्या महिलाओं की थी, लेकिन फीमेल कोच भी अप्वाइंट नहीं किया गया है।
स्विमिंग पूल में हैं ढेरों समस्याएं - 30 साल पहले लगे टाइल्स अब गंदे होकर टूट चुके हैं। इससे पानी जल्दी खराब हो जाता है। काई से बच्चे अक्सर फिसल कर गिर जाते हैं। - टॉयलेट और बाथरूम की सीटें टूट चुकी हैं। - बाउंड्रीवाल की ऊंचाई कम होने के कारण के बाहरी बच्चे दीवार फांद अंदर घुसकर कैंपस को गंदा करते हैं। इससे हादसे का भी डर है। बड़ी संख्या में बच्चे स्विमिंग को अपना कॅरियर बनाना चाहते हैं। इस सेशन में फीस से दो लाख रुपए जमा हुए। अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए कार्यदायी संस्था जल निगम को 25 लाख रुपए का प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। अश्विनी कुमार सिंह, रीजनल स्पोर्ट्स ऑफिसर