मंदिर में महंत की मौत
- चिलुआताल एरिया के जंगल बहादुर अली की घटना
- भूमि विवाद में पुजारी के मर्डर की पब्लिक ने जताई आशंका द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : जंगल बहादुर अली पोखरवा टोला प्रणामी मंदिर के महंत की संदिग्ध हाल में मौत हो गई। थर्सडे मार्निग वह मंदिर कैंपस में अकेले थे। दोपहर में लोगों को पुजारी के मौत की जानकारी हुई। लोगों ने पुजारी के मौत की सूचना पुलिस को दी। पब्लिक ने हत्या की आशंका जताई है। हालांकि पुलिस ने मर्डर से इंकार किया है। मंदिर में संदिग्ध हाल में हुई मौतपोखरवा टोला पर प्रणामी मंदिर है। महंत दीनदयाल करीब 14 साल से मंदिर की देखभाल कर रहे थे। उनके सहयोग में महिला कमलावती भी मंदिर पर रहती हैं। थर्सडे को कमलावती खेत में घास काटने चली गई। दोपहर में लौटकर मंदिर में पहुंचते ही चीखने लगी। उसकी आवाज सुनकर लोग जमा हो गए। लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पुजारी की डेड बॉडी फर्श पर पड़ी थी। सिर में चोट लगने से फर्श पर खून पसरा था।
सात एकड़ जमीन पर भू माफियाओं की नजरमंदिर की सात एकड़ जमीन पर भू माफियाओं की नजर है। जंगल बहादुर अली शेखपुरवा में प्रापर्टी का धंधा करने वाले लोगों की तादात बढ़ गई है। मोहरीपुर, मानीराम, महेसरा सहित कई जगहों पर भूमि के मामले बढ़ रहे हैं। लोगों का कहना है कि पुजारी के बाद मंदिर की देखभाल करने वाला कोई नहीं बचा। इससे खाली पड़ी भूमि पर माफिया कब्जा कर लेंगे। बाद में वह अपने रेट पर उसका सौदा कर सकेंगे।
करंट लगने से हुई पुजारी की मौत पुलिस का कहना है कि पुजारी नहा रहे थे। तभी अचानक करंट की चपेट में आ गए। करंट लगने से वह गिरे जिससे दरवाजे पर सिर टकरा गया। चिलुआताल एसओ ने बताया कि चोट गंभीर नहीं है लेकिन करंट से पुजारी की जान चली गई। मंदिर में कोई मौजूद होता तो उनकी जान बच जाती। पुलिस का मर्डर नहीं हुआ। करंट से उनकी मौत हुई। पुजारी का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। रामाशीष यादव, एसओ, चिलुआताल