- जावेद कमाल मददगारों को तलाश रही सुरक्षा एजेंसियां

- आईडी की नहीं हुई पुष्टि, वाराणसी कनेक्शन से सनसनी

GORAKHPUR : सोनौली बार्डर से भारत आ रहे संदिग्ध पाकिस्तानी नागरिक ने शक का दायरा बढ़ा दिया है। उसके पास से मिली आईडी भी संदेह के घेरे में है। उसके वाराणसी जाने को लेकर भी खुफिया तंत्र अलर्ट है। संडे को बार्डर एरिया में खुफिया विभाग के लोगों ने उससे जुड़े लोगों की तलाश की। जावेद के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े होने की संभावना बढ़ती जा रही है। मंडे को महराजगंज पुलिस रिमांड के लिए उसे कोर्ट में पेश करेगी।

की है 20 देशों की यात्रा

23 अक्टूबर की सुबह पाकिस्तानी नागरिक सोनौली बार्डर पार कर रहा था। तभी सुरक्षा एजेंसियों ने उसे धर दबोचा। पूछताछ में उसकी पहचान डॉक्टर जावेद कमाल के रूप में हुई। तब उसने बताया कि उसके पूर्वजों का भारत से जुड़ाव रहा है। इसलिए वह भारत आया है। वाराणसी में जाकर वह अध्ययन करेगा। उसकी बातों पर शक होने पर अलर्ट जारी हो गया। इसके बाद सुरक्षा एजेंसियां और खुफिया के विभाग के लोग एक्टिव हो गए। जांच पड़ताल के दौरान उसने बताया कि बीएचयू के एक प्रोफेसर के बुलावे पर वह भारत आया था। हालांकि प्रोफेसर से किसी तरह का जुड़ाव सामने नहीं आया। 20 देशों की यात्रा कर चुका जावेद बैंकाक से बना पासपोर्ट लेकर भारत आया लेकिन वीजा के अभाव में उसे पकड़ लिया गया।

जेल में पहला पाक नागरिक

खुद को पीएचडी बताने वाला जावेद कमाल काफी शातिर है। उससे पूछताछ में कोई जानकारी नहीं मिल सकी। सोनौली बार्डर से उसके भारत में आने को लेकर दिल्ली से लेकर पाकिस्तानी दूतावास तक घंटियां घनघना रही हैं। पाकिस्तानियों के भारत में कश्मीर या राजस्थान से घुसपैठ करने के सामने आए थे। पहली बार सोनौली बार्डर का यूज किया गया। महराजगंज में वर्ष 2011 जिला कारागार शुरू हुआ। इसमें विभिन्न देशों के 15 बंदी है जिनमें पहला पाकिस्तानी नागरिक जावेद कमाल है। जावेद की पूछताछ में सामने आया है कि वह इंडिया में वोटर आईडी कार्ड बनवाना चाहता था। जावेद कमाल को होटल में ठहरने, खाने और ट्रांसपोर्ट के लिए लाखों रुपए कौन दे रहा है। इसकी भी गहनता से जांच पड़ताल की जा रही है। हालांकि इस संबंध में कोई भी अफसर कुछ कहने से बच रहा है।

अशांति का उठाया लाभ

नेपाल में मधेश आंदोलन की अशांति का बेजा लाभ उठाने की आशंका खुफिया विभाग पहले ही जता चुके हैं। गोपनीय रिपोर्ट में बताया गया था कि इस मौके का फायदा उठाकर आतंकी देश में आ सकते हैं। इसको लेकर एसएसबी, लोकल पुलिस सहित अन्य एजेंसियों को अलर्ट जारी किया गया था। पुलिस का कहना है कि 1991 में पंजाब का मोस्ट वाटेंट सुख¨वदर सिंह सोनौली बार्डर से पकड़ा गया था। 1993 में मुंबई बमकांड के आरोपी टाइगर मेमन को यहां दबोचने में कामयाबी मिली। इसके अलावा कई संदिग्ध कश्मीरी नागरिक पकड़े जा चुके हैं।

पुलिस मामले की जांच पड़ताल में जुटी है। पाकिस्तानी नागरिक को रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। सोमवार को उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा ताकि आगे की कार्रवाई हो सके।

भारत सिंह, एसपी महराजगंज

Posted By: Inextlive