बीआरडी मेडिकल कॉलेज एक तरफ सुपर स्पेशियालिटी अस्पताल बन चुका है तो दूसरी ओर नई व्यवस्थाओं को शुरू करने के दावे हैं. लेकिन भूकंप से छत में आई दरार को सात साल बाद भी दुरुस्त नहीं किया जा सका है. 25 अप्रैल 2015 को नेपाल में आए भूकंप से मेडिकल कॉलेज के एनेस्थीसिया विभाग की छत और ऊपर के ऑपरेशन थियेटर की छतों में आई दरार अब भी जस की तस है. मरम्मत की जगह लोहे की रॉड से क्षतिग्रस्त छत को सहारा दिया गया है. वहीं ओटी में बंद पंखे पेशेंट और मेडिकल टीम के लिए परेशानी बने हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो).बीआरडी मेडिकल कॉलेज के नेहरू चिकित्सालय में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग के वार्ड नंबर सात से आगे बढऩे पर गली में छत को सहारा देने के लिए लगाई गई लोहे की पाइप देखकर पेशेंट और परिजन हैरान रह जाते हैं। लोहे की पाइप जिस जगह पर लगाई गई है। वहां से सटी छत की दीवार का हिस्सा भी टूटकर गिरा हुआ है। इसी गली के रास्ते पेशेंट्स को वार्ड नंबर एक और अन्य विभागों में ले जाया जाता है। गली से सटकर रैंप बना हुआ है। इसके रास्ते पेशेंट को ऑपरेशन थियेटर में ले जाया जाता है। ऑपरेशन के बाद पेशेंट को वार्ड में भेजा जाता है। छत के ऊपर है ऑपरेशन थियेटर


भूकंप से जिस छत में दरार आई है। उसके ऊपर जनरल सर्जरी, आर्थो सर्जरी, स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग की सर्जरी, नाक कान व गला रोग विभाग की सर्जरी और आंख की सर्जरी का ऑपरेशन थियेटर है। ओटी के पंखे नहीं कर रहे काम

आई सर्जरी ऑपरेशन थियेटर में जहां ऑपरेशन से पहले पेशेंट को रखा जाता है। वहां लगाए गए पंखे पूरी तरह से खराब हैं। जो ठीक भी हैं, वे बहुत स्लो हैं। इस वजह से गर्मी में पेशेंट और परिजनों को काफी परेशानी होती है। हालांकि, हर दिन इसे जिम्मेदार देखते हैं, लेकिन किसी ने भी पंखों को ठीक कराने की जहमत नहीं उठाई। केस-1शिवपुर सहबाजगंज निवासी अनुराधा का कहना है कि वार्ड या ऑपरेशन थियेटर तक जाने में काफी परेशानी होती है। छत में दरार आने से डर लगता है कि कहीं हादसा न हो जाए। वहीं आई ऑपरेशन थियेटर के वेटिंग हाल में लगा पंखा भी खराब है। गर्मी से पेशेंट को दिक्कत होती है। केस-2महराजगंज निवासी प्रमोद सिंह का कहना है कि बीआरडी में पेशेंट को सुविधा देने के तमाम दावे किए जाते हैं। लेकिन ओटी में पखे खराब होने से ऑपरेशन के लिए आए हुए पेशेंट का परेशानी झेलनी पड़ता है। वहीं, छत में दरार पडऩे से आने जाने वालों को डर लगा रहता है। छत को मजबूती देने के लिए लोहे की रॉड लगाई गई हैं। छत की दरार को ठीक कराने का काम जल्द शुरू कर दिया जाएगा। वहीं, खराब पंखों को भी ठीक कराया जाएगा। डॉ। गणेश कुमार, प्रिंसिपल बीआरडी मेडिकल कॉलेज

Posted By: Inextlive