पढ़ाएंगे विरासत, बढ़ाएंगे टूरिज्म
-गोरखपुर की धरोहर को लेकर टूरिज्म डिपार्टमेंट संजीदा
-यूनिवर्सिटी, कॉलेज और स्कूलों में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को दी जाएगी जानकारी GORAKHPUR: गोरखपुर में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए नई कवायद शुरू की जा रही है। अब टूरिज्म डिपार्टमेंट गोरखपुर के युवाओं को शहर की विरासत से वाकिफ कराने की योजना बना रहा है। इसके लिए टूरिज्म डिपार्टमेंट यूनिवर्सिटी, कॉलेज और स्कूल के प्रबंधकों से मिलकर स्टूडेंट्स को एजुकेट करेगा। धरोहर के बारे में देंगे जानकारीगोरखपुर की धरोहरों के बारे में युवाओं में काफी कम जानकारी है। लेकिन उन्हें इनसे रूबरू कराने वाला कोई नहीं है। न तो यूनिवर्सिटी लेवल पर और न ही कॉलेज और स्टूडेंट लेवल पर किसी तरह का कोई प्रोग्राम चलाया जाता है। अब टूरिज्म डिपार्टमेंट ने इसके लिए बीड़ा उठाया है। टूरिज्म डिपार्टमेंट के मुताबिक गोरखपुर में जितने भी हेरिटेज प्लेसेज हैं, वो गोरखपुर की शान बढ़ा सकता है। इसके लिए सबसे पहले यहां के युवाओं को जानकारी देना जरूरी है। इसी कड़ी में टूरिज्म डिपार्टमेंट यूनिवर्सिटी प्रशासन, कॉलेज प्रबंधन और स्कूल प्रबंधन के साथ मिलकर शहर के हेरिटेज प्लेसेज की सैर कराएगा। इस दौरान छात्रों को इन स्थानों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी।
प्रमुख मार्गो पर लगेंगे डायरेक्शनगोरखपुर में टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए भी विभिन्न उपाय अपनाए जाएंगे। इसके लिए गोरखपुर के धरोहरों की साफ-सफाई कराकर शहर के प्रमुख मार्गो पर डायरेक्शन बोर्ड लगाए जाएंगे। इससे पर्यटकों को उन धरोहरों तक पहुंचने में आसानी होगी। इसके लिए सरकारी और गैर सरकारी संगठनों से मदद भी ली जाएगी। एक प्रस्ताव बनाकर उच्च अधिकारियों को अवगत भी करा दिया गया है।
बुलाए जाएंगे एक्सपर्ट रीजनल टूरिज्म डिपार्टमेंट के आरटीओ आरके रावत बताते हैं कि टूरिज्म को बढ़ावा देना हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने बताया कि कुछ एक्सपर्ट्स बुलाए जाएंगे, जो स्टूडेंट्स के ग्रुप बनाकर उन्हें ट्रेनिंग देंगे। पंफलेट, बुकलेट और किताबों के माध्यम से भी यहां के धरोहर के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसके लिए कवायद शुरू कर दी गई है। टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए यहां के युवाओं को गोरखपुर की धरोहरों के बारे में जानकारी दी जाएगी। साथ ही टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए शहर के प्रमुख चौराहों पर डायरेक्शन बनाए जाएंगे। ताकि टूरिस्ट आसानी उन स्थानों तक पहुंच सके। -आरके रावत, आरटीओ, रीजनल टूरिज्म डिपार्टमेंट, गोरखपुर