बिना कॉपी किताब के पूरी कर दी पढ़ाई
प्राथमिक शिक्षा व्यवस्था में अधेंरगर्दी का सच
सत्र के चार माह बीतने के बाद भी बच्चों को नहीं मिलीं पुस्तकें और यूनिफार्म kaudiram: अभावों में पढ़ाई करने की बातें तो हम लोगों ने बहुत सुनी है, लेकिन बिना कॉपी-किताब के पढ़ाई करने के मामले सुनने को नहीं मिलते हैं। इस लिए यह जानकर आपको हैरानी होगी कि कौड़ीराम विकास खंड के ज्यादातर गांवों के प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों के बच्चे बिना कॉपी किताब के पढ़ रहे हैं। गौरतलब बात यह है कि शिक्षा विभाग अब इन बच्चों का परीक्षा लेने की तैयारी कर रहा है.स्कूलों के शिक्षकों के आने और स्कूल खुलने के सच को तो आप जानते ही हैं। ऐसे में बिना कॉपी किताब के बच्चे क्या पढ़ाई किए होंगे इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। किस पाठ्यक्रम की दी परीक्षाकौड़ीराम विकास खण्ड के प्राथमिक व जूनियर विद्यालयों में में नौ अगस्त को प्रारम्भ होकर आज ग्यारह अगस्त तक परीक्षा हुआ। हास्यास्पद स्थिति यह रही की अध्ययनरत छात्रों को विभाग द्वारा मिलनें वाली नि:शुल्क पुस्तकें प्राप्त नहीं हुयी हैं। तो आखिर छात्रों ने किस प्रकार पढ़ाई की और किस पाठ्यक्त्रम की परीक्षा दी। बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में सत्र का शुभारम्भ 1 अप्रैल 2016 से हुआ।
क्या ये विभाग की लापरवाही नहीं
नया सत्र शुरू हुए लगभग साढे़ चार माह हो गया। विभाग के अधिकारी शिक्षा व्यवस्था सुधारने के तमाम दावे करते हैं, लेकिन इतने तक बच्चों को कॉपी किताब न मिलना विभाग की लापरवाही नहीं हैं। कौड़ीराम कस्बा स्थित प्राथमिक विद्यालय के एक छात्र के अभिभावक विनय कुमार ने बताया कि स्कूल की तरफ से किताबें मिलनी थीं। इस लिए मैंने किताबें नहीं खरीदीं। मेरी पत्नी डेली बच्चे का स्कूल बैग खोलकर किताबें चेक करती हैं। उनको रोज बैग देखने के बाद उनको रोज निराश होती है। झूठे साबित हो रहे शिक्षकनाम न छापने की शर्त पर एक प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक ने बताया कि अप्रैल माह में हम लोगों ने अपने-अपने क्षेत्र में घर-घर जाकर अभिभावकों से सम्पर्क किया। लोगों को प्रोत्साहित किया वे अपने बच्चों को प्राथमिक विद्यालयों में प्रवेश दिलाएं। छात्रों को नि:शुल्क यूनिफार्म, नि:शुल्क पका पकाया पौश्टिक भोजन, नि:शुल्क पुस्तक व बैग मिलेगा। जिसके आधार पर अभिभावकों ने छात्रों का नामांकन तो करा दिया, लेकिन विभाग द्वारा चार माह बीतने के बाद भी अभी तक न तो बच्चों को यूनीफार्म मिला है न हीं पुस्तके। बैग भी ऐसी स्थिति में है कि अभिभावको और बच्चों के सवालों का जबाब देना कठिन हो गया है।
जिले से पुस्तकें प्राप्त नहीं हुई है। प्राप्त होते ही विद्यार्थियों में वितरित करा दी जाएगी। मुसाफिर सिंह पटेल, खण्ड शिक्षा अधिकारी कौड़ीराम, गोरखपुर