कोई भी देश या समाज तभी डेवलप होता है जब वहां के लोग फिट और हेल्थी रहते हैं. अगर कोई व्यक्ति हमेशा बीमार ही रहेगा तो देश के विकास में उसका योगदान जीरो हो जाएगा. आज देश के हर कोने में लोग डायबीटीज बीपी हार्ट या कैंसर डिसीज से पीडि़त हैं.


गोरखपुर (ब्यूरो)।इससे देश का बहुत नुकसान हो रहा है। इसी को लेकर दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के सोशियोलॉजी डिपार्टमेंट ने 'सोशियोलॉजी ऑफ हेल्थÓ कोर्स शुरू किया है। इसमें स्टूडेंट्स समाज में व्याप्त बीमारियों पर स्टडी करेंगे और साथ ही लोगों को अवेयर भी करेंगे। पांच क्रेडिट का होगा कोर्स


सोशियोलॉजी ऑफ हेल्थ कोर्स एमए फोर्थ सेमेस्टर के स्टूडेंट्स के लिए है। यह एक इलेक्टिव कोर्स हैं जो पांच क्रेडिट का होगा। इसे पांच यूनिट में पढ़ाया जाएगा जिसके एक यूनिट में 15 लेक्चर्स होंगे। इसके तहत स्टूडेंट्स को समाज में व्याप्त बीमारियों के बारे में बताया जाएगा। साथ ही हेल्थ और के विभिन्न आयामों के बीच संबंध के बारे में जानकारी, विभिन्न स्वास्थ्य, बीमारी और चिकित्सा मुद्दों पर समझ, स्वास्थ्य और बीमारी के मुद्दों से जुड़ी सामाजिक संरचनात्मक स्थितियों का वर्णन और मूल्यांकन होगा। इससे स्वास्थ्य नीतियों के गहन विश्लेषण को बढ़ावा मिलेगा और उन्हें आम पब्लिक तक लागू करने और सुधार करने में मदद मिलेगी। बढ़ती उम्र पर स्टडी

फोर्थ सेमेस्टर स्टूडेंट्स के लिए 'सोशियोलॉजी ऑफ हेल्थÓ के साथ ही 'सोशियोलॉजी ऑफ एजिंगÓ कोर्स भी शुरू हुआ है। इस पांच क्रेडिट के कोर्स में उम्र बढऩे के साथ लोगों को होने वाली समस्या, बुजुर्गों की सामाजिक स्थिति पर स्टडी, सरकार और एनजीओ की ओर से किए जा रहे प्रयासों के बारे में बताया जाएगा। इस सेशन से शुरुआत डिपार्टमेंट के असिस्टेंट प्रोफेसर दीपेंद्र मोहन सिंह ने बताया कि सोशियोलॉजी डिपार्टमेंट को 'पॉलिसी रिसर्च सेंटरÓ के रूप में डेवलप करने के लिए इन कोर्सेज की शुरुआत की गई है। सेशन 2023-24 से इसकी पढ़ाई भी शुुरू हो जाएगी। उन्होंने बताया कि हेल्थ से जुड़ी समस्याओं से लगभग हर कोई परेशान है। 'सोशियोलॉजी ऑफ हेल्थÓ में स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं और समाज पर उनके प्रभाव के बारे में बताया जाएगा। 'सोशियोलॉजी ऑफ एजिंगÓ में बढ़ती उम्र के साथ होने वाली प्रॉब्लम और बुजुर्गों के प्रति स्टूडेंट्स के दायित्व के बारे में बताया जाएगा। न्यू एजुकेशन पॉलिसी के तहत इस सेशन से 'सोशियोलॉजी ऑफ हेल्थÓ और 'सोशियोलॉजी ऑफ एजिंगÓ की शुरुआत की जा रही है। समाज की समस्याओं पर स्टडी बहुत जरूरी है। इन कोर्सेज में स्टूडेंट्स हेल्थ और बढ़ती उम्र के साथ आने वाली समस्याओं पर स्टडी करेंगे। प्रो। सुभि धूसिया, एचओडी, सोशियोलॉजी, डीडीयूजीयू

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