- डीडीयू के प्रौढ़ शिक्षा विभाग में चल रहे फैशन डिजाइनिंग कोर्स में स्टूडेंट्स के पास नहीं है इंट्रेस्ट

- इंट्रेस्ट समाप्त होते देख प्रौढ़ शिक्षा विभाग के टीचर्स ने ओपेन फॉर ऑल स्टूडेंट्स के लिए कोर्स की डिमांड

- डीडीयू के फैशन डिजाइनिंग कोर्स में हैं 30 सीटें, अभी मात्र 15 स्टूडेंट्स

- सिर्फ डीडीयू के स्टूडेंट्स के प्रवेश के कारण नहीं भरती सीट

GORAKHPUR: डीडीयू के प्रौढ़ शिक्षा विभाग में चलाए जा रहे फैशन डिजाइनिंग कोर्स के लिए सीट के बराबर भी स्टूडेंट्स नहीं मिल रहे हैं। हालत यह है कि 30 सीट वाले कोर्स में मात्र 15 एडमिशन है। फैशन डिजाइनिंग में डिप्लोमा और एडवांस डिप्लोमा कोर्सेज के 'एड ऑन' होने के चलते इस कोर्स में स्टूडेंट्स के पास वक्त नहीं होते है। इसके चलते वे इसकी पढ़ाई नहीं कर पाते हैं। हालांकि इस कोर्स को 'एड ऑन' के बजाय सेपरेट कोर्स करने के लिए डिपार्टमेंट के उच्च अधिकारियों ने वीसी से डिमांड की है।

10 साल पहले से कोर्स

डीडीयूजीयू में करीब 10 साल पहले इस कोर्स को लांच किया गया। सर्टिफिकेट कोर्स तीन महीने और डिप्लोमा 6 महीने का होता है। हर साल लड़कियां इसमें एडमिशन लेती हैं लेकिन 'एड ऑन' होने के चलते लड़कियां पूरा ध्यान फैशन डिजाइनिंग के कोर्स पर नहीं दे पाती हैं। यही रीजन है कि यहां फैशन शो, रैंप शो व अन्य प्रोग्राम नहीं हो पाते।

एड ऑन से परेशानी

प्रौढ़ शिक्षा डिपार्टमेंट में संचालित फैशन डिजाइनिंग कोर्स के को-ऑर्डिनेटर बताते हैं कि यूजीसी गाइड लाइन के अनुसार, सर्टिफिकेट कोर्स इन फैशन डिजाइनिंग (एक वर्ष), डिप्लोमा कोर्स इन फैशन डिजाइनिंग (एक वर्ष) और एडवांस डिप्लोमा कोर्स इन फैशन डिजाइनिंग (एक वर्ष) एड ऑन के तहत संचालित किए जाए। एड ऑन का मतलब है कि कोई छात्रा बीए, बीएससी या फिर बीकॉम में पढ़ाई कर रही है तो उसके साथ-साथ वह इस कोर्स को भी कर सकती हैं। लेकिन इस कोर्स में कोई भी बाहरी छात्रा सीधे तौर पर एडमिशन नहीं ले सकती हैं। यही रीजन है कि आउट साइडर किसी महिला को इस कोर्स का लाभ नहीं मिल पाता है।

होना चाहिए ओपन फॉर आल

हाल ही में दीक्षांत समारोह के दौरान आए नैक डॉयरेक्टर प्रो। ए। एन राय ने भी इस बात की पुष्टि की कोर्स ऐसा होना चाहिए जिससे सभी स्टूडेंट्स को उसका लाभ मिल सके। वह अपने पैरों पर खड़ा हो सके। चाहे वह महिला हो या फिर पुरुष। लेकिन अभी इस कोर्स में सिर्फ डीडीयू में पढ़ने वाले ग‌र्ल्स स्टूडेंट्स को ही प्रवेश मिलने के कारण सीट फुल नहीं हो पा रही। वहीं कई युवा चाहते हुए भी इसमें एडमिशन नहीं ले पा रहे। कोर्स को ओपन फॉर आल किए जाने की मांग हो रही है।

वर्जन

एड ऑन कोर्स होने के चलते इस कोर्स को स्टूडेंट्स नहीं मिल पा रहे। अब कोर्स को ओपेन फॉर ऑल करने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

- डॉ। एके दीक्षित, संयोजक, प्रौढ़ शिक्षा विभाग

कोट्स

ग्रेजुएशन के साथ फैशन डिजाइनिंग का कोर्स करने का रूल है। लेकिन कई बार यूजी की क्लासेज में व्यस्त होने के चलते फैशन डिजाइनिंग की पढ़ाई नहीं हो पाती है। इस कोर्स को सेपरेट होना चाहिए।

- प्रियंका

फैशन डिजाइनिंग जैसे कोर्स को एड ऑन नहीं बल्कि सेपरेट होने चाहिए। एक साथ दो-दो पढ़ाई पॉसिबल नहीं है। यूजी के साथ-साथ इस कोर्स को संभालना काफी टफ है।

- संगीता

Posted By: Inextlive