-स्कूल की गलती की सजा भुगत सकते हैं स्टूडेंट्स

-ऑनलाइन फीडिंग न होने से न भरने के बराबर है फॉर्म

-मामला डीएम तक, डीआईओएस ने कहा बोर्ड का निर्देश तय करेगा स्टूडेंट्स का फ्यूचर

GORAKHPUR: दूसरों की गलती की सजा भुगत रहे स्टूडेंट्स दर-दर की ठोकर खा रहे हैं। गलती कॉलेज की है या सर्वर का धोखा, मगर अपने फ्यूचर को लेकर करीब क्00 से अधिक स्टूडेंट्स परेशान हैं। चालान जमा कर इंटरमीडिएट का फॉर्म भी भर दिया। मगर ऑनलाइन फीडिंग न होने से उनका रिकार्ड बोर्ड तक पहुंचा ही नहीं। मतलब वे फॉर्म भर कर भी नहीं सके। साल बर्बाद न हो, इसके लिए स्टूडेंट्स अब डीआईओएस से लेकर डीएम की चौखट तक चक्कर लगा रहे हैं। जबकि अधिकारियों का कहना है कि बाल अब माध्यमिक शिक्षा परिषद के पाले में है, फैसला भी उसी को करना है।

बोर्ड तक पहुंचा मामला

टीजीटी के लिए इंटरमीडिएट में ज्योमेट्रिकल आर्ट सब्जेक्ट होना जरूरी है। इसके चलते टीजीटी में एपियर होने के लिए सैकड़ों स्टूडेंट्स ने इस साल इंटरमीडिएट में सिंगल सब्जेक्ट से प्राइवेट फॉर्म भरा है। किसी ने जुबिली इंटर कॉलेज से फॉर्म भरा तो किसी ने एडी ग‌र्ल्स कॉलेज से तो किसी ने अन्य किसी कॉलेज से। जिसमें करीब क्00 से अधिक स्टूडेंट्स का फॉर्म माध्यमिक शिक्षा परिषद तक पहुंचा ही नहीं। जबकि इन स्टूडेंट्स ने फॉर्म भी भर कर स्कूल में जमा किया था और चालान भी। मगर ऑनलाइन फीडिंग न होने से वे वंचित रह गए। स्टूडेंट्स ने डीआईओएस के साथ डीएम से भी इसकी कंपलेन की है।

वर्जन-

इंटरमीडिएट का प्राइवेट फॉर्म सिंगल सब्जेक्ट से भरा था। चालान भी जमा किया था। मगर अभी पता लगा कि फॉर्म ऑनलाइन फीडिंग न होने के कारण कोई रिकार्ड नहीं है। इसमें गलती हमारी नहीं स्कूल की है। सजा मिलें तो उनको, हमें क्यों? इसकी कंपलेन डीएम साहब से भी की है।

सुमित गुप्ता

नौसड़ स्थित एक कॉलेज में सिंगल सब्जेक्ट से इंटरमीडिएट का फॉर्म भरा था। चालान भी जमा कर दिया था। मगर कॉलेज की गलती से फॉर्म कंपलीट नहीं हुआ। इससे पूरा साल बर्बाद हो सकता है।

रूपेश कुमार यादव

कई स्कूल्स, कॉलेज के फॉर्म ऑनलाइन फीडिंग नहीं हुए है। इससे उन्हें कैंसिल समझा जाएगा। कॉलेज की गलती से परेशान स्टूडेंट्स आए थे। इन स्टूडेंट्स ने मैन्युली फॉर्म भी भरा है। इस मामले को बोर्ड के पास भेजा गया है। आगे की कार्रवाई वहां के निर्देश के मुताबिक होगी।

एएन मौर्य, डीआईओएस

Posted By: Inextlive