टीचर्स व स्टूडेंट्स ने की जमकर खरीदारी
- डीडीयूजीयू स्पोर्ट्स ग्राउंड में आयोजित तीन दिवसीय बुक फेयर का सोमवार को हुआ समापन
- बुक फेयर के अंतिम दिन स्टूडेंट्स और टीचर्स ने की जमकर खरीदारी GORAKHPUR: डीडीयूजीयू स्पोर्ट्स ग्राउंड में लगे तीन दिवसीय बुक फेयर का सोमवार को समापन हो गया। अंतिम दिन इसमें स्टूडेंट्स के साथ-साथ लोगों की भीड़ उमड़ी रही। टीचर्स भी बुक्स परचेज करने में पीछे नहीं रहे। पब्लिशर्स की मानें तो इन तीन दिनों में सबसे ज्यादा साइंस स्ट्रीम के स्टूडेंट्स ने बुक्स परचेज की। वहीं साहित्य से जुड़े लोगों ने भी किताबें खरीदीं। पढ़ाने के लिए परेचज की बुकबुक फेयर में टीचर्स ने बच्चों का खास ध्यान रखा। स्टूडेंट्स को पढ़ाने के लिए उन्होंने बुक्स परचेज की। होम साइंस डिपार्टमेंट की टीचर डॉ। दिव्या रानी सिंह ने बताया कि कॅर्डन टेक्नोलॉजी की डिमांड को देखते हुए उन्होंने डिपार्टमेंट के लिए बुक्स की खरीदारी की है। वहीं लॉ डिपार्टमेंट के डीन प्रो। जितेंद्र तिवारी ने बताया कि यह संविधान हमारा या अंग्रेजों का और राघुवेंद्र तनवर द असेसिनेशन ऑफ महात्मा गांधी की दो किताबें खरीदीं। सेंट्रल लाइब्रेरी के नेहरू हाल की इंचार्ज सुनीता भारद्वाज बताती हैं कि उनके सपने में रामकृष्ण परमहंस सपने में आते हैं, इसलिए मैने रामकृष्ण परमहंस जी की किताब खरीदी। यह किताब मुझे कहीं नहीं मिली, लेकिन बुक फेयर में यह मिली।
दीन दयाल की रही डिमांड अखिल भारतीय इतिहास संकलन योजना के बुक स्टाल लगाए अश्वनी बताते हैं कि इन तीन दिनों में सबसे ज्यादा भारतीय नारी अतीत से लेकर वर्तमान तक की 100 प्रति सेल हो गई। इसकी सबसे ज्यादा डिमांड रही। वहीं भारत रत्न महामना और दीन दयाल उपाध्याय की 100-100 कॉपियां इन तीन दिनों में सेल हो गई। चूंकि बुक फेयर में ज्यादातर स्टॉल साइंस स्ट्रीम के लगाए गए थे, इसलिए साइंस स्टूडेंट्स को इस बुक फेयर का लाभ सबसे ज्यादा मिला। इतने भव्य स्तर पर लगे बुक फेयर के आयोजकों की जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है। साइंस स्ट्रीम की सबसे ज्यादा बुक्स यहां अवेलबल हैं, जो मैने खरीदी। अर्चना, स्टूडेंट मैं काफी दिनों से साइंस ब्रीडिंग की किताब ढूढ़ रही थी, लेकिन बुक फेयर में यह किताब मुझे आसानी से मिल गई। यूनिवर्सिटी की तरफ से लगाए गए बुक फेयर बेहद सराहनीय है। श्वेता मणि, स्टूडेंट मैने साइटोलॉजी की बुक ली है। बक्शीपुर मार्केट में यह किताब नहीं मिली, न तो लाइब्रेरी में थी। बुक फेयर का आयोजन रेग्युलर होना चाहिए। श्वेता, स्टूडेंटफर्स्ट ऑफ ऑल यूनिवर्सिटी प्रशासन को इसके लिए थैंक्स की कैंपस में बुक फेयर का आयोजन किया गया है। मुझे बॉयो स्टैटेस्टिक्स की बुक चाहिए थी। जो यहां आसानी से मिल गई।
पूनम, स्टूडेंट इन बुक्स की रही जबरदस्त डिमांड - राजनाथ सिंह की भारतीय राजनीति और हमारी सोच - देवेंद्र स्वरूप की यह संविधान हमारा या अंग्रेजों का - किरण वेदी की भ्रष्टाचार भारत छोड़ो - डॉ। महेश शर्मा की लिखी हुई पं। दीन दयाल उपाध्याय की कृतत्व एवं विचार