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- भागीरथी कृषक महाविद्यालय के तीन स्टूडेंट्स की एग्जाम कॉपी बदले जाने का मामला

- यूनिवर्सिटी प्रशासन कर रहा जांच, कई हैं शक के दायरे में

GORAKHPUR:

डीडीयूजीयू से संबद्ध भागीरथी कृषक कॉलेज के तीन स्टूडेंट्स की एग्जाम की कॉपी से छेड़छाड़ किए जाने के मामले में यूनिवर्सिटी ने जांच शुरू कर दी है। हालांकि, मामले में यूनिवर्सिटी से जुड़े लोगों पर भी शक की सूई घूम रही है। सवाल उठता है कि कॉलेज से यदि कॉपी बदल दी गई तो उसके बाद भी वह कई प्रक्रिया से होकर गुजरी। कोडिंग हुई, मूल्यांकन हुआ लेकिन जिम्मेदारों की पकड़ में मामला नहीं आया। यदि आरटीआई से यह खुलासा नहीं होता तो इतना बड़ा मामला होने के बाद भी किसी को खबर न हो पाती। यह सब बिना यूनिवर्सिटी के लोगों की मिलीभगत से संभव नहीं हो सकता। इसे देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन कॉलेज के साथ ही यूनिवर्सिटी के दोषियों की भी जांच करेगा।

कई लोगों की हो सकती है भूमिका

कॉलेज की कुमकुमलता, राधिका पटेल व रामनगीना यादव ने अपनी कॉपियों के बदलने जाने का आरोप प्रिंसिपल त्रिभुवन पटेल, बाबू अभिषेक पटेल एवं शिक्षक दुर्गाशंकर शर्मा पर लगाया है। लेकिन, जांच टीम इसमें और लोगों की भी भूमिका की जांच कर रही है। किसी भी परीक्षा केंद्र से उत्तर पुस्तिका का जब बंडल तैयार हो जाता है तो उसको पूरी तरह से सील्ड कर दिया जाता है। उसके बाद केंद्राध्यक्ष की मोहर लगने के बाद बंडल सीधे यूनिवर्सिटी के कोठार (कॉपियों का बंडल रखे जाने वाला कमरा) में रख दिया जाता है। परीक्षा नियंत्रक के निर्देशन में कोठार प्रभारी बंडल की निगरानी करता है। मूल्यांकन से पहले प्राइवेट एजेंसी के थ्रू कॉपियों की कोडिंग और डिकोडिंग कराई जाती है। जाहिर है, कॉपी कॉलेज से मूल्यांकन होने तक कई लोगों से होकर गुजरती है। ऐसे में ये सभी लोग जांच के दायरे में आएंगे। कॉलेज के स्टाफ के साथ ही यूनिवर्सिटी के तत्कालीन कोठार प्रभारी, प्राइवेट एजेंसी स्टाफ, मूल्यांकन भवन के पर्यवेक्षक और चेकर्स तक की भूमिका की जांच होगी।

वर्जन

उत्तर पुस्तिका के साथ छेड़छाड़ किए जाने की जांच चल रही है। इसमें सबकी भूमिका की जांच हो रही है चाहें वे यूनिवर्सिटी के लोग ही क्यों न हों।

- डॉ। अमरेंद्र कुमार सिंह, परीक्षा नियंत्रक, डीडीयूजीयू

Posted By: Inextlive