बिना हंगामे के नहीं सुनते अफसर
- सिटी की गलियों में अंधेरा, पार्षद वरीयता की फाइल गायब
- काम न होने पार्षदों में गुस्सा, अफसर दे रहे आश्वासन द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र : सिटी की गलियों में उजाला करने के लिए दिए गए पार्षदों के प्रस्ताव को जीएमसी के अफसरों ठंडे बस्ते में डाल दिया है। स्थिति यह है कि सिटी की 40 प्रतिशत से अधिक स्ट्रीट लाइट्स बंद पड़ी हुई हैं। पार्षद डेली कंप्लेन कर रहे हैं, लेकिन अफसरों की ओर से केवल आश्वासन मिल रहा है। काम के नाम पर कुछ भी नहंी हो रहा है। आधे से अधिक हैं अधूरेनगर निगम हर साल बजट में पथ प्रकाश हेतु प्रत्येक पार्षद के लिए 1 लाख रुपए का बजट आवंटित करता है। यह पूरा पैसा पार्षद के प्रस्ताव पर खर्च होता है। इसके लिए सभी पार्षद अपना प्रस्ताव दे चुके हैं। यह सारे प्रस्ताव स्वीकृत भी हो चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई काम नहीं हुआ है। पिछले माह आधा दर्जन पार्षदों ने पथ प्रकाश विभाग के जेई और स्टोर कक्ष में तालाबंदी की थी जिसके दूसरे दिन ही उनके एरिया में काम शुरू कर दिया गया था। अन्य पार्षदों के प्रस्ताव की फाइल कहां रखी गई है, किसी को पता ही नहीं है। पार्षद रामजनम यादव का कहना है कि उनकी गली में दो से तीन प्वाइंट ऐसे हैं जो बंद पड़े हैं, लेकिन उनकी मरम्मत नहीं हो रही है।
नहीं हुई मरम्मत बारिश के कारण सिटी की अधिकांश स्ट्रीट लाइट्स प्वाइंट बंद हो गए हैं। मरम्मत के लिए पार्षद कई बार अभियान चलाकर मांग कर चुके हैं, लेकिन नगर निगम के अफसर अभी तक इन प्वाइंट्स को जलाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठा रहे हैं। कई पार्षदों तो ये भी कहत हैं कि काम उसी पार्षद के यहां होता है जो नगर निगम में या पथ प्रकाश विभाग में हंगामा करता है। जो फोन या लिखित शिकायत करते हैं, उनको केवल आश्वासन ही मिलता है, काम नहीं होता है। इस साल पार्षद वरीयता से एक भी काम नहीं हुआ है। हमारे यहां के 100 से अधिक प्वाइंट बंद पड़े हैं। चंद्रभान प्रजापति, पार्षद वार्ड नं 22, जंगल बिछिया तुलसीराम पश्चिमी