इधर-उधर टाइम पास करने और गॉसिप करने वाले डॉक्टर नर्स और पैरा मेडिकल स्टाफ पर पल-पल नजर रखी जाएगी. यह नजर गोरखपुर हेल्थ डिपार्टमेंट के जिम्मेदार नहीं बल्कि लखनऊ हेड क्वॉर्टर के अधिकारी सीधे तीसरी आंख से देखेंगे. दरअसल जिला और महिला अस्पताल की निगरानी अब सीधे लखनऊ से करने का निर्देश जारी कर दिया है. पब्लिक को मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधाओं की बदहाली की मिल रही शिकायतों को देखते हुए शासन ने यह फैसला लिया है. इसके लिए सभी प्रमुख स्थानों पर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे जो हेडक्वार्टर से सीधे जोड़े जाएंगे.


गोरखपुर (ब्यूरो)। अस्पताल की व्यवस्था और उसकी दशा सुधारने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट सख्त हो गया है। जिला अस्पताल में पेशेंट्स के साथ डॉक्टर और हेल्थ कर्मी किस तरह से पेश आ रहे हैं, पेशेंट्स को किस तरह की सुविधाएं दी जा रही हैं। ओपीडी काउंटर और दवा वितरण काउंटर में पेशेंट्स को दवा दी जा रही है या नहीं, कौन सी दवा डॉक्टर लिख रहे हैं। इन सबकी की निगरानी सीधे लखनऊ से होगी। शासन से निर्देश मिलने के बाद हेल्थ डिपार्टमेंट ने इसकी तैयारी भी शुरू कर दी है। जिला अस्पताल की सभी ओपीडी में सीसीटीवी कैमरे भी लगा दिए गए हैं। इसके अलावा इमरजेंसी और वार्डो में कैमरे लगाने का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा। वहीं, महिला अस्पताल में भी कुछ प्रमुख स्थानों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। शासन ने यह भी निर्देश दिया है कि अस्पताल सूची के अनुसार दवाएं पेशेंट्स को उपलब्ध कराएं और कौन-कौन सी दवाएं इसकी सूची भी बोर्ड पर चस्पा करें। इसके अलावा डॉक्टर जन औषधि केंद्र की दवाओं को भी लिखें, जिससे की पेशेंट्स को सस्ती दवाएं मिल सके।
महिला अस्पताल में सीसीटीवी कैमरे लगा दिए गए हैं। कुछ स्थानों पर और कैमरे लगने हैं, जिसे जल्द ही लगवा दिया जाएगा। शासन को इसकी जानकारी भी दे दी गई है। लखनऊ से इसकी मॉनिटरिंग होनी है।डॉ। एनके श्रीवास्तव, एसआईसी, महिला अस्पताल

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