गोरखपुर से बांद्रा जाने वाली हमसफर एक्सप्रेस 19092 में मंगलवार रात बम होने की सूचना से हड़कंप मच गया. सुरक्षा एजेंसियों ने आनन-फानन में पैसेंजर्स को ट्रेन से उतारकर पूरी गाड़ी की चेकिंग की लेकिन कहीं कोई बम नहीं मिला. जांच के दौरान करीब साढ़े तीन घंटे तक ट्रेन स्टेशन पर ही खड़ी रही जिससे पैसेंजर परेशान हो गए. ट्रेन में बम की सूचना पर मचे हड़कंप के बाद से इंटेलीजेंस ने जांच शुरू कर दी है. बम की सूचना ट्विट करने वाले मिलन रजत नामक व्यक्ति का ट्विटर अकाउंट भी तेजी से खंगाला जा रहा है. वह कहां का व्यक्ति है और किस मकसद से इस बात की सूचना दी है? उसका बैकग्राउंड क्या है? इस तरह से दहशत फैलाने का क्या मकसद था? इन तमाम पहलुओं पर साइबर सेल जांच कर रही है. हालांकि जीआरपी की मानें तो अभी तक ट्विटर अकाउंट से उसके एड्रेस को ट्रेस नहीं किया जा सका है पर जल्द ही पुलिस टीम उस तक पहुंच जाएगी.


गोरखपुर (ब्यूरो).दरअसल, गोरखपुर से बांद्रा जाने वाली बांद्रा हमसफर एक्सप्रेस में उस वक्त दहशत फैल गई। जब मंगलवार रात वह अपने निर्धारित समय 9.30 बजे रवाना होने वाली थी। पैसेंजर्स भी ट्रेन चलने का इंतजार कर रहे थे, लेकिन बम की सूचना पर साढ़े तीन घंटे तक पैसेंजर्स को स्टेशन पर ही इंतजार करना पड़ा। जीआरपी प्रभारी उपेंद्र श्रीवास्तव ने बताया, मिलन रजत नामक व्यक्ति ने पीएमओ, रेल मंत्रालय को ट्विट किया था कि गोरखपुर से बांद्रा जाने वाली ट्रेन में कुछ आतंकियों ने बम लगा दिया है। ऐसे में तत्काल ट्रेन को निरस्त कर इसकी विधिवत जांच कराएं। रेलवे ने इस ट्विट को गंभीरता से लेते हुए तत्काल ट्रेन को रोक दिया। बिना देरी किए जीआरपी के साथ ही सिविल और आरपीएफ टीम ट्रेन के पास पहुंच गई। डॉग स्क्वॉयड को भी लगाया गया। हर कोच में एक-एक बैग की काफी देर तक तलाशी ली गई। इंजन और गार्ड ब्रेक की भी तलाशी ली गई। ट्विट करने वाले मिलन रजत पर केस दर्ज कर उसकी छानबीन शुरू कर दी गई है। आरपीएफ की सीआईबी, जीआरपी और सिविल पुलिस की टीम ने जांच शुरू करते हुए जल्द ही मामले में बड़े खुलासे का दावा किया है। सूचना पर तत्काल रोकी ट्रेन
ट्रेन के गार्ड शीतल प्रसाद ने बताया, ट्रेन चलने के लिए बिल्कुल तैयार थी। सिग्नल भी हो गया था। अभी चालक ने ट्रेन बढ़ाई ही थी कि स्टेशन मास्टर ने ट्रेन तत्काल रोकने को कहा। सूचना पर तत्काल ट्रेन रोक दी गई। ट्विट करने वाले मिलन रजक के खिलाफ धारा 182, 187, 336 आईपीसी और 7 सीएलए में केस दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। उम्मीद है कि जल्द ही बम की फर्जी अफवाह उड़ाने वाला गिरफ्त में होगा। जीआरपी आरोपित के ट्विट की छानबीन कर रही है। उपेंद्र श्रीवास्तव, जीआरपी प्रभारी

Posted By: Inextlive