पब्लिक का पुलिस से उठ रहा विश्वास
- फैमिली मेंबर्स से वादा खिलाफी, दस दिन का दिया था समय
- कांशीराम अवासीय योजना के पास बदमाशों ने दिया था घटना को अंजाम - गिरफ्तारी को लेकर फैमिली मेंबर्स कर चुके हैं धरना GORAKHPUR: गोरखपुर पुलिस की पुलिस हनक पहले ही चली गई थी। अब हत्या के तीन महीने बाद आमरण अनशन पर बैठे परिजनों को दस दिन में हत्याकांड का खुालासा करने का वादा करने वाली गोरखुपर पुलिस से लोगों का विश्वास भी उठ गया है। तीन महीने तक धर्मेद्र उर्फ दारा हत्याकांड का खुलसा न होने पर परिवार के लोग डीएम कार्यालय पर अनशन पर बैठे थे। इस दौरान एक युवक की मौत भी हो गई थी। एसएसपी ने पीडि़त परिजनों से हत्याकांड का दस दिन में खुलासा करने का समय लिया था। लेकिन दस दिन गुजर जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं।24 मार्च को कांशीराम आवासीय योजना के पास बदमाशों ने धर्मेन्द्र जयसवाल उर्फ दारा को चारो तरफ से घेरकर गोलियों से छलनी कर दिया था। हत्या के तीन महीने बाद भी पुलिस ने कुछ नहीं किया तो परिजन कलेक्ट्रेट पर पहुंच कर हत्यारोपियों की गिरफ़्तारी की मांग को लेकर अनशन पर बैठ गए। मामले में जनप्रतिनिधयों के आ जाने से एसएसपी प्रदीप कुमार ने हत्याकांड का खुलासा दस दिन के अंदर करने के लिए समय मांगा था लेकिन इन दस दिनों में भी पुलिस कुछ नहीं कर पाई.फिलहाल इस मामले में पुलिस किसी प्रकार की बात नहीं करना चाह रही है। एसएसपी प्रदीप कुमार के निर्देश पर पुलिस ने अपना पूरा दमखम लगा दिया है। सूत्रों की मानें तो पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के लिए दो लोगों को उठाया भी है। अभी इन लोगों से पूछताछ भी की गई थी। इसके अलावा क्राइम ब्रांच भी लगी है। उसने एक ऐसे व्यक्ति को उठाया है जिससे काफी हद तक स्थिति साफ हो जाएगी। मृतक धर्मेन्द्र जयसवाल उर्फ दारा के फैमिली मेंबर्स के मुताबिक गांव कई लोगों के साथ उनकी पुरानी रंजिश थी लेकिन जिस तरीके से हत्या की गयी उससे यह साफ हो गया था कि भाड़े के हत्यारों ने ही वारदात को अंजाम दिया था। जांच में यह पूरी तरह से साफ हो गया है। सुपारी देकर दारा की हत्या करायी गयी है।