मोहब्बत व भाईचारगी का पैगाम करें आम
- तीन रोजा उर्स-ए-पाक हुआ खत्म, अकीदतमंदों की जुटी भीड़
GORAKHPUR: मोहल्ला रहमतनगर स्थित बहादुरिया जामा मस्जिद के करीब हजरत मोहम्मद अली बहादुर शाह रहमतुल्लाह अलैह का उर्स सोमवार को खत्म हुआ। 100वें तीन रोजा उर्स-ए-पाक के समापन के दौरान कुल शरीफ व दुआ के साथ हुआ। आस्ताने से मोहब्बत व भाईचारगी का पैगाम आम करने का मिला पैगाम। सोमवार को आस्ताने पर सगीर अहमद व शरीफ परवाज ने औलिया-ए-कामिलीन की शान में कव्वाली पेश की। इसके बाद फातिहा हुआ। शाम को कुल शरीफ की रस्म अदा की गई। इसमें मौलाना अली अहमद शाद बस्तवी, कारी रिजवान आदि ने तिलावत की। इसके बाद सलातो सलाम पढ़ दुनिया में अमनो सलामती की दुआ मांगी गई। सीरिया, फलीस्तीन, म्यांमार व दुनिया में मुसलमानों पर हो रहे जुल्म से निजात की दुआ की गई। हिन्दुस्तान की तरक्की व एकता की भी दुआ हुई। एक बने आैर नेक बनेसदर अली मजहर शाह ने उर्स के समापन की घोषणा करते हुए कहा कि मुसलमान एक बनें, नेक बनें। शरीयत पर अमल करें। फराएज को उनके वक्त पर अदा करें। सुन्नतों से नाता जोड़े और बुराई से बचे। पड़ोसियों, रिश्तेदारों व सभी के साथ अच्छा सुलूक करें। इस दौरान अली जफर शाह, अली सफदर शाह, अली अंसार शाह, अली यावर शाह, अली गजनफर शाह, अली नुसरत शाह, अली मुजफ्फर शाह, अली अख्तर शाह, तौसीफ अहमद, रहमतुल्लाह नेहाली, बब्लू कुरैशी, राजू कुरैशी, शहजादे अली, इमरान अहमद, पप्पू नेहाली, आमिर, आजाद, फैज, आसिफ, औसाफ आदि मौजूद थे।